Election Update: लोकसभा चुनाव के नतीजों के आने में होगी देरी, इस वक्त तक आ सकता है फाइनल रिजल्ट
चुनावी समर अब अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है। लंबे चुनाव प्रचार के बाद वोटिंग और अब नतीज़ें आने में कुछ ही पल का समय बचा हुआ है। जी हां, लोकसभा चुनाव के नतीज़ें गुरुवार यानि 23 मई को घोषित किए जाएंगे, जिसके बाद केंद्र में किसकी सरकार बनेगी, इसकी तस्वीरें पूरी तरह से साफ हो जाएगी। इतना ही नहीं, चुनावी नतीज़ों के आने के बाद नेतागणों को भी थोड़ा आराम फरमाने का मौका भी मिल जाएगा, लेकिन इन सबके बीच नतीज़ें आने में थोड़ा सा वक्त और ज्यादा लग सकता है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
विपक्ष की मांग मानने की वजह से अब चुनावी नतीज़ें आने में दो से तीन भी लग सकते हैं, लेकिन फिलहाल चुनाव आयोग ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है। हालांकि, भले ही चुनाव आयोग ने विपक्ष की मांग नहीं मानी, लेकिन फिर भी इस बार नतीज़ों के लिए कुछ घंटों का इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, विपक्ष की मांग की थी कि मतगणना के समय ही VVPAT पर्चियों का मिलान किया जाए, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है।
क्यों हो सकती है नतीज़ों में देरी?
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के मुताबिक, एक चरण की मतगणना की पूरी प्रक्रिया खत्म होने का बाद ही दूसरे चरण की मतगणना शुरू होगी। इसके साथ ही मतगणना के बाद ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान की प्रक्रिया होगी, जिसकी वजह से फाइनल नतीज़ें आने में रात के 10 बज सकते हैं। बताया जा रहा है कि अगर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों में कोई गड़बड़ी हुई, तो ही पूरा मिलान किया जाएगा, वरना नहीं। खैर, यहां फाइनल नतीज़ें आने में सिर्फ कुछ ही घंटों की देरी होगी, ऐसे में फाइनल नतीज़ें आने में रात 10 या 11 बज सकते हैं।
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क्या थी विपक्ष की मांग?
ईवीएम पर सवाल उठाते हुए विपक्ष की मांग थी कि इस बार 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से किया जाए, ताकि उन्हें संतुष्टि मिल सके। खैर, फिलहाल चुनाव आयोग ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पर्चियों का मिलान मतगणना होने के बाद ही किया जाएगा, जिसमें तीन से चार घंटे लग सकते हैं, लेकिन अगर विपक्ष की बात मानी जाती तो रिजल्ट आने में कम से कम तीन चार दिन और लग जाते, इसीलिए अब चुनाव आयोग ने यही फैसला लिया।
2014 में भी इस्तेमाल हुआ था वीवीपैट
ईवीएम और वीवीपैट के साथ वोटिंग पहले भी हो चुकी है। इतना ही नहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में भी ईवीएम और वीवीपैट के साथ ही वोटिंग हुई थी, लेकिन उस समय वीवीपैट पर्चियों का मिलान नहीं किया गया था, लेकिन इस बार ऐसा करने को कहा गया है, जिस पर अब चुनाव आयोग ईवीएम से मतगणना के बाद पर्चियों का मिलान कुछ जगह करवाएगा। ऐसी स्थिति में यदि गड़बड़ी निकलती है, तो मतगणना वीवीपैट की पर्चियों से दोबारा होगी।