जीवन में कोई समस्या आने पर धैर्य बनाए रखने से समस्या अपने आप हल हो जाती है
गौतम बुद्ध से जुड़ी एक कथा के अनुसार एक बार गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे और रात होने के चलते वो जंगल में ही अपने शिष्यों के साथ रूक गए। वहीं जब सुबह हुई तो गौतम बुद्ध ने अपने एक शिष्य से कहा कि उन्हें प्यास लगी है और वो उनके लिए पानी लेकर आ जाए। गौतम बुद्ध के आदेश का पालन करते हुए उनका एक शिष्य पानी की खोज में जंगल में निकल गया। जंगल में कुछ दूर जाकर गौतम बुद्ध के शिष्य को एक तालाब नजर आया। गौतम बुद्ध का शिष्य दौड़ा दौड़ा तालाब के पास गया। मगर तालाब का पानी काफी गंदा था जिसके चलते उनके शिष्य ने सोच की मैं आगे जाकर अन्य तालाब की खोज करता हूं। लेकिन गौतम बुद्ध के शिष्य को कोई और तालाब नहीं मिला और वो कुछ देर बाद वापस बिना पानी लिए आ गया।
गौतम बुद्ध का शिष्य जब वापस आया तो उसने पाया की गौतम बुद्ध एक पेड़ के नीचे बैठकर अन्य शिष्यों को शिक्षा से दे रहे थे और गौतम बुद्ध का ये शिष्य भी अन्य शिष्यों के साथ बैठकर गौतम बुद्ध से शिक्षा लेने लगा। तभी गौतम बुद्ध की नजर अपने इस शिष्य पर पड़ी और उन्होंने उससे पूछा की मैंने तुम्हे पानी लाने को कहा था, तुम पानी ले आए? गौतम बुद्ध के शिष्य ने खड़े होकर कहा, नहीं मैं पानी नहीं ला सका। गौतम बुद्ध ने अपने शिष्य से पानी ना लाने का कारण पूछा। तक उनके शिष्य ने बताया कि थोड़ी सी दूर पर एक पानी का तालाब है लेकिन वो पानी काफी गंदा है इसलिए मैं पानी नहीं ला सका।
गौतम बुद्ध ने फिर अपने दूसरे शिष्य को पानी लाने को कहा। गौतम बुद्ध का दूसरा शिष्य भी उसी तालाब पर पानी लाने गया और कुछ देर बाद अपने साथ पानी ले आया। गौतम बुद्ध ने अपने दूसरे शिष्य से पूछा, तुम ये पानी कहां से लेकर आए हो? शिष्य ने कहा उसी तालाब से जहां का पानी गंदा था। गौतम बुद्ध ने अपने शिष्य से कहा तुम गंदे पानी को कैसे ले लाए। तब उनके शिष्य ने कहा कि तालाब का पानी काफी गंदा था, लेकिन मैंने कुछ देर इंतजार किया और पानी की मिट्टी नीचे बैठ गई और साफ पानी ऊपर आ गया और मैं साफ पानी निकला कर ले आया।
अपने शिष्य की ये बात सुनकर गौतम बुद्ध प्रसन्न हुए और उन्होंने वहां पर बैठे हुए अपने अन्य शिष्यों को सीख देते हुए कहा कि ‘हमें अपने जीवन में हमेशा धैर्यशील होना चाहिए। क्योंकि धैर्यशील होने से हमें हर समस्या का हल मिल जाता है। जहां पर पहला शिष्य गंदे पानी को देखकर वापस आ गया। वहीं दूसरे शिष्य ने अपना धैर्य बनाए रखा और अपने दिमाग से काम लिया। जिसकी वजह से ही वो पानी ला सका। इसी तरह से अगर आपके जीवन में कभी कोई समस्या आती है तो आप धैर्य से काम लें। क्योंकि धैर्य से काम लेने से आपको अपने आप ही समस्या का हल मिल जाएगा।