इन 15 भारतीय महिलाओं ने साबित किया महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं
अक्सर लोग महिलाओं को कमजोर समझ लेते हैं और वे कुछ नहीं कर सकती ऐसा कह दिया जाता है लेकिन ये सच नहीं होता. महिलाओं में जितनी शक्ति होती है वो कभी किसी पुरुष में भी नहीं हो सकती. महिलाओं ने सफलता का वो पैगाम दिया है जो हर कमजोर महिलाओं के लिए हिम्मत लाने का काम करती है. अब समय बदल गया है और एक-एक करके महिलाएं अपनी काबिलियत से सफलता के नए आयाम गढ़ती जा रही हैं. सफलता का नया पैगाम सेट करने वाली इन महिलाओं ने अपने हुनर से बहुत कुछ साबित किया है. अगर कोई पूछे कि महिलाएं क्या कर सकती हैं तो उन्हें बताएं कि इन 15 भारतीय महिलाओं ने साबित किया महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं, ये भारत की शान हैं.
भारतीय महिलाओं ने साबित किया महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं
सुषमा स्वराज
एक समय में सुषमा स्वराज फॉर्मर सुप्रीम कोर्ट लॉयर थीं और इसके बाद उन्होने राजनीति में कदम रखा. अब वे भारत की विदेश मंत्री हैं.
प्रियंका चोपड़ा
साल 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने फिल्मों में बेहतरीन योगदान दिया. अब वे हॉलीवुड में अपने नाम का डंका बजा रही हैं और इसके अलावा वे इंटरनेशनल सिंगर भी हैं.
पीटी ऊषा
साल 1980 में पीटी ऊषा ने मास्कों में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय धावक बनी. ये खिताब उन्हें 16 साल की उम्र में मिला था.
पीवी सिंधु
साल 2016 मे रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने रजत जीता और ऐसा करने वाली पीवी पहली महिला बैडमिंटन प्लेयर बनी जिन्होंने दिखा दिया कि महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं.
अवनी चतुर्वेदी
भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक हैं अवनी चतुर्वेदी, जिन्होने भारतीय वायुसेना में अपना बेहतरीन योगदान दिया. इनकी बायोपिक भी बन रही है जिसमें इनका किरदार जाह्नवी कपूर निभाएंगी.
साइना नेहवाल
साइना नेहवाल दुनिया की नंबर-1 बैडमिंटन प्लेयर हैं, इसके साथ ही ऐसी कामयाबी पाने वाली साइना भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं.
मैरी कॉम
मणिपुर के एक साधारण परिवार से आई मैरी कॉम ने ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपने मुक्केबाजी का लोह मनवाया. मैरी कॉम ने 6 बार विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता में भाग लिया और जीत दर्ज की.
भक्ति शर्मा
भारतीय महिला तैराक भक्ति शर्मा अंटार्कटिक महासागर में एक डिग्री सेल्सियस (33.8f) तापमान में 1.4 मील (2.25 किलोमीटर) की दूरी 52 मिनट में तैरकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है.
इंदिरा नुई
साल 2006 से 2018 तक पेप्सिको की CEO रहीं इंदिरा नुई ने 12 साल इस पद को संभाला और उनकी देखरेख में कंपनी को 80 प्रतिशत का मुनाफा हुआ था.
अरुणिमा सिंहा
अरुणिमा सिंहा ने -40 से -45 डिग्री सेल्सियस तापमान और तेज बर्फीली हवाओं को मात देते हुए अंटार्कटिका केसबसे ऊंचे शिखर माउंट विन्सन पर तिरंगा लहराकर देदश का नाम रौशन किया. ऐसा अनोखा कारनामा करने वाली अरुणिमा पहली महिला दिव्यांग पर्वतारोही बनी.
छवि राजावत
छवि राजावत MBA ग्रेजुएट हैं और देश की सबसे कम उम्र की सरपंच बनकर लोगों को बता दिया कि सरपंच सिर्फ पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं भी बन सकती हैं.
गीता गोपीनाथ
गीता गोपीनाथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की चीफ हैं. साल 2019 में उन्होंने ये पद संभाला और इस पर पहुंचने वाली छवि दूसरी भारतीय हैं.
आशु सुयश
साल 2015 में आशु ने CRISIL के CRO के रूप में नियुक्त हुईं और CRISIL से जुड़ने से पहले वे L&T Investment Management Limited की CEO रह चुकी थीं. उन्हें कई पब्लिकेशन्स ने टॉप बिज़नेसवुमन की सूची में भी शामिल किया है.
अल्का बैनर्जी
साल 2013 में अल्का Asia Index Private Limited की सीईओ बनी और साल 2015 में The Economic Times ने उन्हें 20 Most Influential Global Indian Women की लिस्ट में शामिल किया.
सानिया मिर्जा
भारत की शान सानिया मिर्जा बेहतरीन टेनिस प्लेयर हैं. मुस्लिम परिवार से होने के बावजूद सानिया ने टेनिस में करियर बनाकर देश का नाम कई बार रोशन किया है.