खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर महात्मा गाँधी की तस्वीर नहीं, पीएम मोदी पर विवाद!
ये साल नये प्रयोगों और नवाचार के नाम है, इस बार खादी ग्रामोद्योग आयोग ने एक नया प्रयोग किया और उसके चलते पीएम मोदी के साथ एक विवाद खड़ा हो गया. दरअसल खादी ग्रामोद्योग आयोग ने अपने नये साल के केलेन्डर और डायरी में पीएम मोदी की तस्वीर छापी है. खाड़ी ग्रामोद्योग के इस निर्णय से पीएम मोदी पर सवाल उठने लगे हैं.
खादी ग्रामोद्योग की डायरी पे मोदी की तस्वीर :
दरअसल पीएम मोदी की तस्वीर का होना उतना बड़ा विवाद नहीं है जितना कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की तस्वीर का नहीं होना है. खादी ग्रामोद्योग की डायरी और कैलेंडर पर चरखा चलाते पीएम मोदी की तस्वीर तो है लेकिन पूरे कैलेंडर से राष्ट्रपिता नदारद हैं.
इस बात से खुद खादी ग्रामोद्योग आयोग के कर्मचारी भी खुश नहीं हैं, खादी ग्रामोद्योग आयोग के कर्मचारियों ने अलग अलग तरीके से अपना विरोध भी जताया है. कुछ कर्मचारी इसके खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं. उन्होंने खादी ग्रामोद्योग आयोग के शीर्ष अधिकारियों से सवाल किया कि अगर पीएम मोदी की तस्वीर प्रकशित की गई तो राष्ट्रपिता की तस्वीर क्यों नहीं छापी गई, कर्मचारियों ने सवाल उठाया कि क्या राष्ट्रपति गाँधी जी खादी उद्योग के लिये अब प्रासंगिक नहीं रहे.
प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों ने फिर से कैलेंडर प्रकाशित करने की मांग की है जिसमें गांधी जी की तस्वीर भी हो. लेकिन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मुद्दे को ज्यादा तरजीह नहीं दी.
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के परपोते तुषार गांधी ने भी इस मामले को लेकर अपना विरोध जताया है, उन्होंने कहा, पीएम मोदी को खादी और ग्रामीण उद्द्योग आयोग को बंद कर देना चाहिए क्योंकि खादी के विकास के लिए ये आयोग कोई खास काम नहीं कर रहा है, इतना ही नहीं बापू की खादी से ये खादी बिल्कुल अलग है और गरीबों की पहुंच से दूर भी है.