यदि आप भी कराते हैं घर में सत्यनारायण कथा, तो भूलकर भी ना करे ये 5 गलतियाँ
हर व्यक्ति यदि चाहता हैं कि उसके घर में सुख, शान्ति और समृद्धि आए. लेकिन ऐसा बहुत कम लोगो के परिवार में संभव हो पाता हैं. हर घर में कोई ना कोई समस्यां हमेशा ही विद्यमान रहती हैं. कभी शांति रहती हैं तो धन की कमी होने लगती हैं और जहाँ धन होता हैं वहां पारिवारिक सुख नहीं होता हैं. घर में उत्प्पन्न होने वाली परेशानियाँ वहां उपस्थित नकारात्मक उर्जा और बुरी शक्तियों की देन होती हैं. इस स्थिति में घर में पॉजिटिव एनर्जी फैलाने के लिए कुछ ख़ास उपाय करने पड़ते हैं. इनमे से एक उपाय हैं घर में सत्यनारायण कि कथा कराना.
आप में से कई लोग भी समय समय पर सत्यनारायण कथा कराते होंगे. ऐसा करने से घर में सकारात्मक उर्जा का विस्तार होता हैं और सुख एवं धन दोनों ही बना रहता हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सत्यनारायण कथा कराने के दौरान आपको कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना पड़ता हैं. यदि आप ऐसा नहीं करते तो ये बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती हैं और आप इस कथा के लाभ से वंचित रह सकते हैं. तो चलिए फिर बिना किसी देरी के जान लेते हैं कि सत्यनारायण कथा कराते समय आपको किन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए.
घर गंदा रखना: सत्यनारायण कथा कराना एक पवित्र काम होता हैं. इस कथा के माध्यम से आप देवी देवताओं को अपने घर आने का न्योता देते हैं. ऐसे में ये जरूरी हैं कि आप अपने घर की पूर्ण रूप से साफ़ सफाई करे. आमतौर पर लोग मैं एरिया में सफाई करते हैं और घर के कोनो को गंदा ही रहने देते हैं. ये गंदगी घर में नेगेटिव उर्जा को बढ़ावा देती हैं. इससे देवी देवता आपके घर नहीं आते हैं. इसलिए कथा कराने के पूर्व घर को स्वच्छ जरूर रखे.
मेहमानों का स्वागत ना करना: कथा के समय रिश्तेदार, आस-पड़ोस के लोग और पंडितजी सहित कई लोग आते हैं. ऐसे में आपको उन्हें समय समय पर पानी, चाय एवं नाश्ते का पूछना चाहिए. साथ ही घर आए किसी मेहमान के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं करना हैं. बहुत पुरानी कहावत हैं कि मेहमान भगवान का रूप होता हैं. इसलिए उसका भी इस दौरान ख्याल जरूर रखे.
साफ़ मन के साथ कथा में ना बैठना: जब घर में सत्यनारायण की कथा हो रही हो तो आपका मन पूर्ण रूप से साफ़ होना चाहिए. उसमे कोई भी गंदे या हीन भावना वाले विचार नहीं चलना चाहिए. आप सच्चे मन से भगवान की आराधना करेंगे तो वो आपकी मनोकामना जरूर पूर्ण करेगा.
शांति ना रखना: कथा के दौरान घर में शांत और पॉजिटिव माहोल रखने की कोशिश करे. बेवजह की चिल्ला-चोट या लड़ाई झगड़ा जैसी चीजें ना करे. सभी इस पूजा में प्रेम पूर्वक शामिल रहे. साथ ही इस बात का भी ध्यान रहे कि कथा के दौरान किसी भी वजह से माहोल डिस्टर्ब ना हो.
प्रसाद में कंजूसी करना: सत्यनारायण कथा में भरपूर प्रसाद की व्यवस्था करनी चाहिए. कथा सुनने आए लोगो को भी कंजूसी से नहीं बल्कि दिल खोल के प्रसादी दे. हो सके तो उन्हें घर के सदस्यों के लिए भी एक्स्ट्रा रसाद दे देवे. साथ ही अपने मोहल्ले में भी इस प्रसाद का वितरण करे.