गौतम बुद्ध की शिक्षा: अपशब्द सुनने के बाद भी अपना संयम ना तोड़े और कर्म करने पर विश्वास रखें
गौतम बुद्ध एक बार अपने शिष्य के साथ कई राज्यों के दौरे पर निकले थे और हर राज्य में जाकर गौतम बुद्ध वहां पर कुछ समय बिताया करते थे। इसी दौरान गौतम बुद्ध अपने शिष्य के साथ एक राज्य पहुंचे और इस राज्य में पहुंचकर गौतम बुद्ध को वहां के लोगों ने बताया कि इस राज्य की रानी काफी निर्दई है और उसे लोगों का अपमान करने में मजा आता है। जो भी लोग इस राज्य में आते हैं रानी अपने सेवकों और मंत्रियों से उनका अपमान करवाती है। ताकि अपमान सुनकर लोग उनके राज्य से निकलने पर मजबूर हो जाएं और वापस फिर से राज्य में ना आए। लोगों की ये बात सुनने के बाद गौतम बुद्ध शांति से एक जगह पर जाकर बैठ गए जबकि गौतम बुद्ध का शिष्य इस सोच में पड़ गया कि अगर उनका अपमान किया जाता है तो वो क्या करेंगे?
किया गया गौतम बुद्ध का अपमान
इस राज्य की रानी को गौतम बुद्ध और उनके शिष्य के आने की जानकारी मिली। जिसके बाद रानी ने अपने सेवकों और मंत्रियों से कहा कि वो जाकर गौतम बुद्ध का खूब अपमान करें और उन्हें इस राज्य से निकलने पर मजबूर कर दें। सेवक रानी की बात को मानते हुए सीधा गौतम बुद्ध और उनके शिष्य के पास गए और वहां जाकर उनका अपमान करने लगे। रानी के सेवकों ने गौतम बुद्ध के अपमान में किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी और उनको बहुत बुरा भला कहने लगे। कई देर तक लोगों के सामने गौतम बुद्ध का अपमान करने के बाद सेवक वहां से चले गए।
गौतम बुद्ध का इतना अपमान सुनकर उनके शिष्य को काफी क्रोध आ गया और शिष्य ने गौतम बुद्ध से कहा कि ‘हमें इस जगह एक मिनट भी नहीं रुकना चाहिए। हम यहां से निकल चलते हैं। इस राज्य में हम लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया गया है और यहां खड़े होकर हम अपना और अपमान नहीं सुन सकते हैं।
अपने शिष्य की बात सुनने के बाद गौतम बुद्ध ने कहा जीवन में ये जरूर नहीं है कि हर जगह हमारा आदर हो। अगर किसी जगह पर आपका अपमान होता है तो आप उस जगह शांति स्थापित करने के बाद ही वहां से जाएं और अपना अनादर होने के बाद भी अपना संयम ना खोएं। गौतम बुद्ध की बात सुनने के बाद उनके शिष्य का क्रोध शांत हो गया। गौतम बुद्ध रानी के राज्य से नहीं गए और वहां पर कई दिनों तक रुके रहें। रानी को जब पता चला की गौतम बुद्ध का अपमान होने के बाद भी वो वहां से नहीं गए तो रानी को अपनी पराजय का एहसास हुआ।
कहानी से मिली शिक्षा
गौतम बुद्ध की इस कहानी से हम लोगों को इस बात का ज्ञान मिलता है कि व्यक्ति को जीवन में हर स्थिति में अपना संयम बनाकर रखना चाहिए। अगर कोई आपसे कुछ अपशब्द कहें तो आप उसकी बातों को मन से ना लगाएं। जीवन में केवल वो ही व्यक्ति सफल होता हैं जो अपशब्द सुनने के बाद भी अपना संयम बनाए रखता हैं और कर्म करने में विश्वास रखता है।