परेशानियों से लड़कर ही इंसान सफल बन पाता है, इसलिए जीवन में परेशानियों से डरे नहीं
एक राजा के दरबार में एक राज कवि हुआ करता था और इस राज कवि से राजा के मंत्री खूब जला करते थे। इस राज कवि को नीचा दिखाने के लिए ये सभी मंत्री मौके की तलाश में लगे रहते थे। लेकिन ये राज कवि काफी बुद्धिमान था और हर बार ये कुछ ऐसा कर जाता था, जिसकी वजह से इसका रुतबा हमेशा सबसे ऊपर रहता था। एक दिन राजा ने अपने राज दरबार में सभी मंत्रियों और इस राज कवि को बुलाया। इन सभी मंत्रियों ने राज दरबार में आकर राजा की तारीफ करना शुरू कर दी और अपनी तारीफ सुन राजा काफी खुश हो गया। तभी राज कवि ने उठकर राजा से कहा कि वो राजा को आशीर्वाद देना चाहता है। राजा ने राज कवि को कहा ठीक है आप मुझे जीवन में कामयाब होने का आशीर्वाद दो। राज कवि ने राजा का अभिवादन करते हुए कहा, मैं आपको आशीर्वाद देता हूं की आपके दुश्मनों की आयु काफी लंबी हो। ये आशीर्वाद सुनते ही राजा और राज दरबार में मौजूद हर कोई इंसान हैरान रहे गया। राज दरबार में मौजूद मंत्रियों ने जैसे ही राज कवि के मुंह से ये आशीर्वाद सुना तो वो खुश हो गए और उनको लगा कि अब तो राजा की नजरों से ये राज कवि पूरी तरह से गिर जाएगा है और राजा जरूर उसको इस बात की सजा देंगे।
आशीर्वाद को सुनने के बाद राजा के चेहरे का रंग उतर गया और राजा चुप हो गए। राजा को चुप होता देख राज कवि ने उनसे कहा, महाराज क्या हुआ आप मेरा आशीर्वाद सुनकर क्यों इतना चुप हो गए और आपने मेरे आशीवार्द को क्यों नहीं स्वीकार किया? राज कवि की बात सुनने के बाद राजा ने उनसे कहा कि मैं आपके इस आशीर्वाद को कैसे स्वीकार करूं जिसमें आप मेरे शुत्रओं के लिए लंबी आयु की बात कहे रहे हैं।
राजा की बात सुनकर राज कवि हंसने लगा। राज कवि को हंसता देख फिर हर कोई हैरान हो गया और राजा ने गुस्से में आकर राज कवि से कहा आप क्यों इतना हंस रहे हो। राज कवि ने राजा से कहा मैंने जो आशीर्वाद दिया है वो आपके लिए है और मेरे इस आशीर्वाद से केवल आपको ही फायदा होगा। राजा ने राज कवि से पूछा भला मेरे दुश्मनों की लंबी आयु होने से मुझे किस तरह का फायदा होगा।
राजा के इस सवाल पर राज कवि ने कहा, महाराजा अगर आपका शत्रु जीवित रहेंगा तो आप हमेशा सतर्क रहेंगे और हर वक्त अपने राज्य को ताकतवर बनाकर रखेंगे ताकि आप अपने शुत्र से हमेशा ऊपर रहें। अगर आपके जीवन में कोई भी शुत्र नहीं होगा तो आप अपने राज्य को लेकर लापरवाह हो जाएंगे और ऐसा होने से आपका राज्य अन्य राज्यों के मुकाबले कमजोर हो जाएगा। शुत्र के डर से हमेशा आपका राज्य मजबूत बना रहेगा और आपके राज्य पर कोई भी आक्रमण करने से डरेगा। इसलिए आप अपने दुश्मनों से डरे नहीं। राज कवि की ये बात सुनने के बाद राजा खुश हो गया और उन्होंने राज कवि द्वारा दिए गए आशीर्वाद को स्वीकार कर लिया।
कहानी से मिली सीख
इंसान के जीवन में आने वाली हर परेशानी एक शुत्र की तरह ही होती है और इन परेशानियों का सामना करने से इंसान मजबूत बनता है और उसकी योग्यता और निखार जाती है। इसलिए आप परेशानियों से डर नहीं और हमेशा अपने आपको परेशानियों से लड़ने के लिए तैयार रखें।