जानिए – महान पंडित रावण ने बताए थे ‘स्त्रियों के अवगुण’, रामचरित मानस में भी लिखी हैं यही बातें
नई दिल्ली – हिन्दू धर्म में रावण को एक खलनायक का दर्जा दिया गया है। माता सीता का हरण करने के कारण रावण को तुच्छ नज़रो से देखा जाता है लेकिन कहीं-कहीं इनकी पूजा भी की जाती है। रावण एक ऐसा राजा था जिसने भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता को उससे छीनकर अपने यहां बंदी बनाया था। वह एक प्रतापी, मायावी और महापंडित राजा लेकिन दुष्ट राक्षस था, जिसे कि अपनी शक्तियों पर बड़ा घमंड था।
लेकिन, इन सबके बावजूद रावण कुछ बातों के लिए पूजनीय है क्योंकि उसके जैसा परमज्ञानी कोई नहीं था। उसने अपने ज्ञान से मंदोदरी को कुछ ऐसी बातें बताई जो आज हर महिला के ऊपर लागू होती है। रावण ने मंदोदरी को बताया कि महिलाओ में कैसे गुण होने चाहिए और कैसे अवगुण नहीं होने चाहिए। रावण के अनुसार महिलाओ में कौन-कौन से अवगुण होते हैं आज हम आपको वही बता रहे हैं।
अत्याधिक साहस
रावण एक महाज्ञानी राजा था। रावण ने कहा है की मैं जानता हूँ स्त्रियाँ बहुत ज्यादा साहसी होती है, लेकिन उनका इतना साहसी होना भी ठीक नहीं है क्योंकि वो साहस में सही और गलत का निर्णय नहीं ले पाती और बाद में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
झूठ बोलना
रावण मंदोदरी से कहता है की, स्त्रियों में दूसरा अवगुण यह है कि वो झूठ बहुत ज्यादा बोलती हैं, वो बात-बात पर झूठ बोलती हैं और वही झूठ एक दिन उनके अंत का कारण बन जाता है। यह स्त्रियों का सबसे बड़ा अवगुण है। जिससे घर-परिवार में काफी समस्याएं होती हैं।
अस्थिर और चंचल
स्त्रियां अक्सर अस्थिर विचारधारा और चंचल मन वाली होती हैं इसलिए उन्हें समझ पाना काफी मुश्किल होता है। इनका मन पल-पल बदलता रहता है।
स्वार्थी और मायावी
महिलाएं स्वार्थी होने के साथ-साथ जिद्दी भी होती हैं और अपनी जिद को पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकती हैं। वो कहानियां गढ़ने और जाल बनाकर बड़े से बड़े खेल भी खेल जाती हैं।
डरपोक
रावण कहते है की स्त्रियाँ साहसी होती है पर वो अनावश्यक जगह डर जाती है और उनका वो डरना बहुत से कामो को बिगाड़ देता है।
अविवेकी स्वभाव
जब भी स्त्रियों के सामने कोई विषम परिस्थितियां आती हैं वो वो अपना विवेक खो देती है और मुर्ख जैसा व्यवहार करने लगती हैं। स्त्रियां मुर्खतापूर्वक कार्य तो करती ही हैं और उन्हें अपने आप पर काफी घमंड होने पर होता है।
निर्दयता
ऐसा माना जाता है कि स्त्रियों का मन कोमल होता है पर कभी-कभी कुछ मामलों में वो बिल्कुल दयाहीन हो जाती हैं। ऐसे मामलों में वो किसी पर दया नहीं करती और अगर उन्हें उन पर ज्यादा दबाव डाला जाता है तो वो सामने वाले कि जान भी ले सकती हैं।
अपवित्र
रावण के अनुसार महिलाएं भले ही कपड़ों से गहनों से खुद को सजा लें लेकिन दिल से वो अपवित्र होती हैं, वो मन से बिल्कुल अपवित्र होती हैं और साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखती। इन्ही कारणों से रावण ने महिलाओं को अपवित्र कहा था।