12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे खास है केदारनाथ, जानें केदारनाथ से जुड़ी कथा
केदारनाथ धाम को बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा स्थान प्राप्त है और हर हिंदू अपने जीवन में एक बार केदारनाथ धाम जरूर जाता है। केदारनाथ धाम भगवान शिव जी से जुड़ा हुआ है और केदारनाथ धाम को लेकर कई सारी कथाएं भी काफी प्रसिद्ध है। केदारनाथ मंदिर से जुड़ी एक कथा के अनुसार भगवान शिव जी इस स्थान पर प्रकट हुए थे। जिसके बाद से उनकी पूजा यहां की जाने लगी।
केदारनाथ धाम से जुड़ी कथा
केदारनाथ धाम से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद सभी पांडव उनके द्वारा किए गए सभी पापाओं से मुक्ति पाने के लिए केदारनाथ गए थे और इधर जाकर पांडवों ने शिव भगवान की तपस्या की थी। शिव जी ने पांडवों की तपस्या से प्रसन्न होकर पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे। जिसके बाद से यहां पर भगवान शिव का स्वयंभू लिंग स्थापित हो गया और इस लिंग की पूजा की जाने लगी।
इस जगह पर शिव जी का मंदिर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया और इस मंदिर के गर्भ गृह के बाहर पांच पांडवों के साथ द्रोपती की मूर्ति भी स्थापित की गई है। इस मंदि को कत्युरी शैली से बनाया गया।
हर साल खोले जाते हैं मंदिर के कपट
हर साल केदारनाथ के कपट खुलने के बाद इस जगह पर लाखों की संख्या में लोग भगवान शिव के स्वयंभू लिंग की पूजा करने के लिए आया करते हैं। लोगों की ऐसी आस्था है कि केदारनाथ में आकर भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। इस साल भी केदारनाथ के कपट खुल गए हैं और आप भी इस मंदिर में जाकर भगवान शिव के दर्शन कर अपनी हर मनोकामान पूरी कर सकते हैं।
कब जाएं केदारनाथ
अधिक बर्फ गिरने के कारण केदारनाथ मंदिर के कपाट विधि विधान से नवंबर के महीने बंद कर दिए जाते हैं और फिर इस मंदिर के कपट 6 महीने बाद खोले जाते हैं। केदारनाथ के कपट अप्रैल- मई के बीच खुल जाते हैं यानी आप अप्रैल से लेकर नवंबर तक कभी भी इस मंदिर में जा सकते है।
दर्शन और आरती का समय
केदारनाथ मन्दिर भक्तों के लिए सुबह 6.00 बजे खुल जाता है जिसके बाद दोपहर 3 बेज विशेष पूजा की जाती है। पूजा के बाद मंदिर को 5 बजे तक के लिए बंद कर दिया जाता है। 5 बजे के बाद इस मंदिर को खोल दिया जाता है और फिर मंदिर के पुजारी भगवान शिव की पांच मुख वाली प्रतिमा का की पूजा करते हैं। ये पूजा 7 बजे शुरू होती है और इस पूजा के होने के बाद इस मंदिर को 8.30 बजे बंद कर दिया जाता है।
कैसे जाएं केदारनाथ
ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून से आसानी से केदारनाथ पहुंचा जा सकता है। इन तीनों जगहों से केदानाथ जाने के लिए आसानी से गाड़ी किराए पर मिल जाती है। दिल्ली से आप हरिद्वार 8-9 घंटे में पहुंच सकते हैं। वहीं हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी लगभग 23 किलोमीटर की और ऋषिकेश से केदारनाथ 223 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऋषिकेश से केदारनाथ पहुंचने के बीच 13 पड़ाव आते हैं।