परीक्षा में बच्चे के नंबर कम आए तो पेरेंट्स करे ये उपाय, वरना बाद में पछताओगे
गौरतलब हैं कि बीते गुरुवार 12वीं सीबीएसई के नतीजे घोषित हुए हैं. इस रिजल्ट में जिन बच्चों के बढ़िया मार्क्स आए हैं उन्हें तो कोई टेंशन नहीं हैं. किन्तु जिनका एग्जाम में खराब प्रदर्शन रहा या नंबर कम आए हैं उनकी जिन्दगी में तनाव थोड़ा बढ़ सकता हैं. खासकर कि कम नंबर आने की वजह से बच्चे को अपने पेरेंट्स, रिश्तेदारों, पड़ोसियों इत्यादि के तानो का सामना करना पड़ता हैं. इस वजह से कई बार बच्चा डिप्रेशन में चला जाता हैं. ये उसकी सेहत और भविष्य दोनों के लिए ही बुरा होता हैं. ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे के कम मार्क्स आने पर उन्हें डांटे या ताने नहीं मारे बल्कि उन्हें फिर से अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करे. आपको ये बात समझनी होगी कि हर बच्चे में अपना खुद का एक ख़ास टेलेंट होता हैं. यह जरूरी नहीं कि सभी बच्चे पढ़ाई लिखी में अव्वल आए. इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको अपने कम नंबर लाने वाले बच्चे के ऊपर आजमाने चाहिए.
प्रेशर ना डाले
अधिकतर मामलो में पेरेंट्स के साथ सबसे बड़ी समस्यां ये होती हैं कि वे अपनी महत्वकांक्षाएं अपने बच्चो के ऊपर थोप देते हैं. समाज में खुद का सिर गर्व से ऊँचा करने या बच्चे को एक विशेष प्रोफेशन में भेजने के चक्कर में कई माता पिता हिटलर बन जाते हैं. वे बच्चे पर बेहतर प्रदर्शन के लिए लगातार दबाव डालते रहते हैं. फिर जब एग्जाम में कम मार्क्स आए तो उनके ऊपर बरस पड़ते हैं. लेकिन आपको ये सभी चीजें करने से बचना चाहिए. कम नंबर की वजह से आपको जितना दुःख हुआ हैं उससे ज्यादा स्वयं बच्चे को रहता हैं. इस वजह से वो पहले ही तनाव की स्थिति में रहता हैं और ऊपर से आपकी डांट और ताने उसका टेंशन बड़ा देते हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि आप बच्चे का माइंड रिकेक्स करने की कोशिश करे. उससे कहे कि इस बार अच्छे नंबर नहीं आए तो कोई बात नहीं अगली बार फिर से मेहनत कर लेना. चाहे तो उसका मूड फ्रेश करने के लिए कुछ हंसी मजाक की बातें करे या कहीं घुमने फिरने चले जाए. इससे उनके अंदर एक बार फिर से एनर्जी आ जाती हैं और वो अगली बार ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं.
प्रेम और प्रोत्साहन का प्रयोग करे
यकीन मानिए 90 प्रतिसत मामलो में बच्चों का टेंशन माता पिता के द्वारा बोले गए प्यार भरे शब्दों से ही कम हो जाता हैं. जब भी आपका बच्चा प्रेशर या टेंशन में हो तो ये आपकी ही ड्यूटी होती हैं कि आप उसे आवश्यक प्रेम और प्रोत्साहन दे. ‘मैंने तो तुझे पहले ही कहा था, और मेहनत मत कर’ फलाना ढीनका इत्यादि तरह की बातें ना करे. सब कुछ शान्ति और प्रेम से निपटाए. इससे ना सिर्फ आपका बच्चा प्रोत्साहित होगा बल्कि आप दोनों के बीच का रिश्ता और भी मजबूत हो जाएगा.
अन्य बच्चों से तुलना ना करे
अधिकतर पेरेंट्स में ये बुरी आदत होती हैं कि वे अपने बच्चों की तुलना दूसरों से करने लगते हैं. आप ये बात समझिये कि हर बच्चा अलग और अपने आप में ख़ास होता हैं. सभी के टेलेंट और दिमाग का लेवल अलग होता हैं. इसलिए उन्हें दूसरों बच्चों का उदाहरण देते हुए ताना ना मारे. इससे वो डिप्रेशन में जा सकता हैं और आप दोनों का रिश्ता भी खराब हो सकता हैं.