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क्रिकेट की दुनिया में ये रहीं 7 पिता-पुत्र की जोड़ियां, एक फ्लॉप तो दूसरा रहा हिट

दुनिया का हर पिता चाहता है उनका बेटा उनके ही नक्शे-कदम पर चले जिससे उनकी परंपरा बनी रहे लेकिन कुछ बेटे अपने पिता के विरुद्ध जाकर दूसरा प्रोफेशन चुनते हैं. ये हाल हर फील्ड में काम करने वाले पिताओं का है जिन्हें अपने बच्चों से ये उम्मीद होती है. मगर कुछ ऐसे भाग्यशाली लोग होते हैं जो जिस फील्ड में होते हैं वो उसी में उनके बेटे भी आने के इच्छुक होता है. मगर दुनिया में कुछ ऐसे होते हैं जिसमें पिता के प्रोफेशन में ही बेटे भी उतर आए हैं और क्रिकेट की दुनिया में ये रहीं 7 पिता-पुत्र की जोड़ियां, इनके बारे में आपको पता होना चाहिए.

क्रिकेट की दुनिया में ये रहीं 7 पिता-पुत्र की जोड़ियां

आज हम आपको इस आर्टिकल में बात करेंगे कि ऐसे ही पिता-पुत्र की जोड़ियों की जिसमें एक सफल तो दूसरे असफल रहे, इनके बारे में शायद ही आपने सुना होगा.

जॉनी बेयरस्टो और डेविड बेयरस्टो

इंग्लैंड के शानदार ओपनर बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो  का नाम दुनिया के बेस्ट खिलाड़ियों में लिया जाता है. बेयरस्टो इंग्लैंड के लिए 63 टेस्ट और 59 वनडे खेल चुके हैं. जिसमें उनके नाम 5 हज़ार से ज्यादा रन बनाए हैं. वहीं उनके पिता डेविड बेयरस्टॉ उतने सफल नहीं रहे क्योंकि डेविड ने टीम के लिए सिर्फ 5 टेस्ट मैच खेले थे.

स्टुअर्ट ब्रॉड और क्रिस ब्रॉड

स्टुअर्ट ब्रॉड ने 4 हजार से ज्यादा रन बनाने के साथ ही 500 से ज्यादा विकेट ले चुके हैं. वहीं उनके पिता क्रिस ब्रॉड उतने सफल नहीं रहे, उन्होंने इंग्लैंड के लिए 25 टेस्ट और 34 वनडे खेले हैं.

अशोक मांकड़ और वीनू मांकड़

वीनू मांकड़ भी भारत के सफल लेग स्पिनर रहे हैं. उनके नाम 162 विकेट दर्ज हैं. वहीं उनके बेटे अशोक मांकड़ क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बनाने में असफल रहे.

रोहन गावस्कर और सुनील गावस्कर

सुनील गावस्कर भारत के पॉपुलर और सफल टेस्ट क्रिकेटर्स में से एक रहे हैं. उनके नाम टेस्ट में 34 शतक और 10 हज़ार से ज्यादा रन दर्ज रहे हैं. वहीं उनके बेटे रोहन ने टीम इंडिया की तरफ से 11 वनडे खेले और रोहन गावस्कर क्रिकेट जगत में फ्लॉप साबित हुए. फिर वे नहीं खेल पाए और उनका ध्यान इस फील्ड से हट गया.

रिकी पोंटिंग और ग्रीम पोंटिंग

रिकी पोंटिंग की गिनती विश्व के सबसे सफल कप्तानों में से एक में होती हैं. वह साल 2003 और 2007 विश्वकप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का नेतृत्व कर चुके हैं. पोटिंग के पिता ग्रीम पोंटिंग भी क्रिकेटर रह चुके हैं, हालांकि वे कभी राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाये लेकिन उनके बेटे ने कमाल ही कर दिया.

युवराज सिंह और योगराज सिंह

भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलरांउडर प्लेयर युवराज सिंह लगभग 15 साल तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे लेकिन उनकी बीमारी की वजह से अभी ये आराम कर रहे है. युवराज के नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कई रिकॉर्ड दर्ज रहे हैं और वहीं उनके पिता उतने सफल क्रिकेटर नहीं रहे लेकिन फिर भी उन्होंने स्टेट लेवल पर खेला है. पिता योगराज ने साल 1981 में डेब्यू किया था और वे सिर्फ 1 टेस्ट और 6 वनडे ही खेल सके थे.

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