चांद पर जल्द ही लहराएगा भारत का तिरंगा, इस साल जुलाई में लॉन्च होगा ‘चंद्रयान-2’
भारत की और से जल्द ही चांद पर एक और चंद्रयान भेजा जाने वाला है और इस चंद्रयान को भेजने से जुड़ी जानकारी हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा दी गई है। बुधवार को ‘चंद्रयान-2’ मिशन के बार में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की और से दी गई जानकारी के अनुसार ‘चंद्रयान-2’ से जुड़ी सभी तैयारी हो गई हैं और ये यान इस साल चांद पर भेजा जाएगा। चंद्रयान को जीएसएलवी मार्क-3 यान की मदद से श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा।
सितंबर में चंद्रमा की सतह पर उतर जाएगा चंद्रयान
इसरो के सभी वैज्ञानिक चंद्रयान को लॉन्च करने की तैयारी में जुटे हुए हैं और इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 के सभी मॉड्यूल्स को 9 जुलाई, 2019 से 16 जुलाई, 2019 के बीच लॉन्च किए जाएंगे।। इसरों के अनुसार अगर चंद्रयान-2 को जुलाई महीने में लॉन्च किया जाता है, तो ये 6 सिंतबर को चंद्रमा की सतह पर उतर जाएगा। आपको बता दें कि इसरो की और चंद्रयान-2 को लॉन्च करने की तारीख को चार बार बदला जा चुका है। इससे पहले इसरो की और से 25-30 अप्रैल के बीच इसको लॉन्च किया जाना था।
इस तरह से दिया जाएग इस मिशन को अंजाम
इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 में तीन मॉड्यूल हैं जो कि ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं। इनमें से आर्बिटर और लैंडर जीएसएलवी से जुड़े रहेंगे। जबकि रोवर को लैंडर के भीतर फिट किया जाएगा। लॉन्च होने के बाद जैसे ही आर्बिटर चांद के कक्षा में पहुंच जाएगा, तब लैंडर को उससे अलग कर दिया जाएगा और फिर लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पूर्व निर्धारित स्थान पर उतरेेगा। लैंडर के चांद पर उतरने के बाद इसमें लगे रोवर को इससे निकालकर चांद की सतह पर भेजा जाएगा और रोवर की मदद से चांद की सतह से नमूने एकत्रित किए जाएंगे। नमून एकत्रित करने के बाद उनको विश्लेषण कर आंकड़े इसरो को भेजे जाएगा।
साल 2008 में भेजा गया था पहला चंद्रयान
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की और से साल 2008 में पहला चंद्रयान चांद पर भेजा गया था। लेकिन उस समय चांद्र पर लैंडर सही से उतर नहीं पाया था और चांद पर इसकी क्रैश लैंडिंग कराई गई थी। क्रेश लैंडिग होने की वजह से एमआइपी कई टुकड़ों में टूट गया था।
मगर इस बार चंद्रयान-2 को तैयार करने में कोई भी कमी नहीं छोड़ी जा रही है और इसरो की पूरी कोशिश रहने वाली है कि वो इस बार चंद्रयान की सही से लैंडिंग चांद पर करवा दें। गौरतलब है कि इस वक्त चांद पर अमेरिका, रूस और चीन देश ही अपने लैंडर की सही से लैंडिग करवा पाने में कामयाब हुए हैं और अगर इस बार भारत भी सही से चंद्रयान-2 की लैंडिग करवाने में कामयाब हो जाता है तो उसके नाम भी इन तीन देशों की सूची में जुड़ जाएगा।
साल 2013 में भेजा था मंगलयान
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने साल 2013 पर मंगलयान को लॉन्च किया था और ये मिशन पूरी तरह से सफल रहा था। मंगलयान मिशन के सफल होने के बाद अब भारत चंद्रयान-2 को चांद्र पर भेजने की तैयारी कर रहा है और उम्मीद है कि मंगलयान की तरह ही चंद्रयान मिशन भी सफल साबित होगा।