नास्तिक घोषित हुआ हरियाणा का ये युवक, मिला ‘नो कास्ट, नो रिलीजन, नो गॉड’ सर्टिफिकेट
यूं तो अभी तक आपने कई तरह के प्रमाण पत्र के बारे में सुना होगा, जिसमें आयु, जाति और आय प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं, लेकिन क्या आपने ‘नो गॉड प्रमाण पत्र’ के बारे में सुना या पढ़ा है? जी हां, देश में पहली दफा एक युवक का ‘नो गॉड प्रमाण पत्र’ बना है, जोकि मजाक नहीं, बल्कि सच है। यदि आप इसे मजाक समझ रहे हैं, तो आपकी यह भूल है, क्योंकि एक युवक को बकायदा तहसील द्वारा ‘नो गॉड प्रमाण पत्र’ जारी किया गया है, जिससे अब वह युवक हमेशा के लिए नास्तिक हो गया है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
हरियाणा के पानीपत के टोहाना इलाके के रवि कुमार नाम के युवक को नास्तिक घोषित कर दिया गया है, जिसके लिए उसे बकायदा एक प्रमाण पत्र भी दिया गया है, जिसमें उसे नास्तिक करार दिया गया है। इतना ही नहीं, खुद को नास्तिक कहलवाने के लिए रवि कुमार ने दो साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसके बाद अब जाकर उन्हें सफलता मिली है। नास्तिक रवि कुमार ने 2017 में फतेहाबाद कोर्ट में दीवानी केस किया था, जिसके बाद अब उसे नाम के आगे नास्तिक लिखने की अनुमति कानून रुप से मिल चुकी है।
पहली बार जारी हुआ ‘नो कास्ट, नो रिलीजन, नो गॉड’ प्रमाण पत्र
रिपोर्ट्स की माने तो देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी को ‘नो कास्ट, नो रिलीजन, नो गॉड’ प्रमाण पत्र दिया गया हो। इतना ही नहीं, पहली बार किसी को कानूनन तौर पर नास्तिक का प्रमाण पत्र दिया गया है। हरियाणा के पानीपत के टोहना इलाके के नास्तिक रवि कुमार को यह प्रमाण पत्र आसानी से नहीं मिला, बल्कि इसके लिए उन्हें कई तरह के जांच पड़ताल से गुजरना पड़ा, तब जाकर उन्हें खुद के नाम के आगे नास्तिक लगाने की अनुमति मिली। इतना ही नहीं, कोर्ट और प्रशासन ने पूरी तरह से तय किया कि आखिर रवि इसका कोई दुरुपयोग तो नहीं करने वाला है।
वर्ग विशेष से पहचान नहीं चाहता था- नास्तिक रवि कुमार
मीडिया से बाततीच में नास्तिक रवि कुमार ने बताया कि उन्हें धर्म, जाति और भगवान के आधार पर कोई भी पहचान नहीं चाहिए थी, जिसकी वजह से उन्होंने यह कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिर में जीत हासिल हुई। रवि कुमार ने कहा कि मैंने खुद के नाम के आगे नास्तिक लिखवाने के लिए अर्जी दायर की थी, जिसके बाद सेल्फ डिक्लेयरशन के आधार पर मुझे यह प्रमाण पत्र पूरे दो साल के बाद मिला है, लेकिन अब जब मिला है, तो मैं बहुत खुश हूं।
नास्तिक रवि कुमार के वकील ने बताया कि जब तहसील ने प्रमाण पत्र बनाने में आना कानी की तो हम सीधे डिप्टी कमिश्नर के पास पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने खुद दस्तावेजों की जांच की और उसके आधार पर प्रमाण पत्र दिलवाने में हमारी मदद की। दरअसल, डिप्टी कमिश्नर जांच के द्वारा यह पुष्टि की कि रवि कुमार का हाथ किसी विदेशी के साथ तो नहीं है या फिर कोई बड़ी साजिश तो नहीं शामिल है। इन सब चीज़ों की पुष्टि करने के बाद ही रवि कुमार को प्रमाण पत्र दिया गया।