लोहे के छल्ले को धारण करने से मिलते हैं कई लाभ, जानें क्यों धारण करें ये छल्ला
जीवन में साढ़े साती का प्रभाव पड़ने से इंसान का बुरा समय शुरू हो जाता है। साढ़े साती के कारण इंसान बीमार रहने लग जाता है, उसे धन की हानि होने लगती है और उसके घर में हमेशा कलह ही रहती है। ज्योतिष के मुताबिक लोहे के छल्ले या अंगूठी को धारण करने से साढ़े साती से बचा जा सकता है। जो लोग लोहे से बना छल्ला पहनते हैं वो साढ़े साती के प्रकोप से बचे रहते हैं। इसलिए अगर आपकी कुंडली में शनिदेव का बुरा प्रभाव हैं और आपके ऊपर साढ़े साती चल रही है तो आप लोहे के छल्ले को धारण कर लें।
कौन लोग धारण कर सकते हैं लोहे का छल्ला
केवल वो ही लोग लोहे का छल्ला धारण करें जिनकी कुंडली में शनि का बुरा प्रकोप हो। वो लोग भूलकर भी छल्ले को धारण ना करें जिनकी कुंडली में शनि ग्रह उत्तम फल दे रहा हो और जिन लोगों की कुंडली में सूर्य, शुक्र और बुध अच्छे स्थान पर हो।
छल्ला धारण करने से क्या लाभ मिलते हैं
लोहे के छल्ले को धारण करने से शनि, राहु और केतु के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। साथ में ही जीवन में किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश नहीं करती है। इसलिए जिन लोगों के जीवन में भी शनि, राहु और केतु दिक्कत पैदा कर रहे हैं वो लोग इस छल्ले को धारण कर लें।
कब धारण करें लोहे के छल्ले को
लोहे के छल्ले को धारण करने का सबसे उत्तम दिन शनिवार का है। शनिवार के दिन आप इस छल्ले को पहले गंगा जल में डाल दें और जैसे सूर्यास्त हो जाए आप गंगा जल से इस छल्ले को निकालकर इसे धारण कर लें। इस छल्ले को धारण करने के लिए सबसे सही नक्षत्र पुष्य, अनुराधा, उत्तरा और भाद्रपद है।
किस उंगली में धारण करें
लोहे के छल्ले को हमेशा दाहिने हाथ की माध्यम उंगली में ही धारण करना चाहिए। क्यों कि इस उंगली का नाता शनि देव से होता है। ज्योतिष के अनुसार इस उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है। जिसकी वजह से इस छल्ले को धारण करने के लिए ये उंगली सबसे उत्तम मानी जाती है।
रखें इन बातों का ध्यान-
ज्योतिष के कहनें पर ही धारण करें
लोहे के छल्ले को धारण करने से पहले आप अपनी कुंडली को किसी ज्योतिष को दिखा लें और ज्योतिष के कहने पर ही इस छल्ले को धारण करें। क्योंकि जिन लोगों की कुंडली में शनि, राहु और केतु का दुष्प्रभाव नहीं होता हैं, अगर वो इस छल्ले को धारण कर लें, तो इसका गलत प्रभाव उनके जीवन पर पड़ने लगता है।
बार बार उंगली से ना निकालें
इस छल्ले को धारण करने के बाद आप इसे बार बार निकाले नहीं और सदा धारण करके ही रखें। क्योंकि बार बार छल्ले को उंगली से निकालने से इसका कोई भी लाभ आपको नहीं मिलता है। इस छल्ले को एक बार धारण करने के बाद आप इसे अपनी उंगली से तब तक ना निकाले जब तक आपके ऊपर से शनि, राहु और केतु के दुष्प्रभाव खत्म ना हो जाए।