इन गलतियों की वजह से हार गया दुर्योधन वरना कभी नहीं जीत पाते पांडव, जानें कौन सी थी वो गलतियां
महाभारत का युद्ध अभी तक का सबसे भीषण युद्ध था जिसमें अरबों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस युद्ध के होने के पीछे सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं कही जा सकती। इसके पीछे कई लोगों का हाथ था। हालांकि किसी की गलती अगर सबसे ज्यादा थी तो वो था दुर्योधन जिसकी कुंठा औऱ कौरवों के प्रति घृणा ने युद्ध के लिए उकसाया। दुर्योधन पराक्रमी था औऱ बलशाली भी था और अंत समय में उसे हराना भी मुश्किल हो गया था, श्रीकृष्ण की चलाकी की चलते उसे भीम ने युद्ध में पराजित कर दिया। अंत समय में दुर्योधन ने श्रीकृष्ण से बात की और उसने बताया कि किन गलतियों के चलते उसकी ये हालत हो गई।
पहली गलती
दुर्योधन से सबसे बड़ी गलती ये हो गई थी की उसने श्रीकृष्ण को ना चुनकर नारायणी सेना चुनी। दरअसल जब युद्ध होना तय हुआ तो दुर्योधन और अर्जुन दोनों ही श्रीकृष्ण के पास पहुंचे थे। उस वक्त श्रीकृष्ण ने दोनों से पूछा था कि उन्हें क्या चाहिए। एक और वो रहेंगे और दूसरी ओर उनकी सेना। श्रीकृष्ण की बड़ी सी सेना की बात सुनकर दुर्योधन लालच में आ गया और उनकी सेना चुन ली जबकि अर्जुन ने श्रीकृष्ण को चुना और युद्ध में जीत पांडवों की जीत हुई।
दूसरी गलती
दुर्योधन की दूसरी सबसे बड़ी बात थी मां का कहना ना मानना। दुर्योधन बचपन से उदंडी और हठी बालक था और कभी भी अपनी मां का कहना नहीं मानता था। जब युद्ध में कौरवों की हार होने लगीं तो गांधारी ने दुर्योधन को जो की उनका आखिरी पुत्र बचा था उसकी रक्षा के लिए पूर्ण रुप से नग्न अवस्था में बुलाया था। उस वक्त उसने वैसे ही जाने का सोचा, लेकिन फिर श्रीकृष्ण ने उसे समझाया की माता के सामने इस अवस्था में जाना ठीक नहीं है। ऐसे में उसने पत्ते पहन लिए और जब मां ने आंखे खोली तो पूरे शरीर पर तो मां के ताप का असर पड़ा, लेकिन उसकी जंघा कमजोर रह गई जिसके चलते भीम दुर्योधन को पराजित कर पाए।
तीसरी गलती
दुर्योधन बहुत पराक्रमी और बलशाली था, लेकिन उसने खुद को अंत के .युद्ध के लिए बचा कर रखता था। उसने सबसे पहले युद्ध के लिए भीष्म पितामह को भेजा क्योंकि वो जानता था कि उन्हें कोई हरा नहीं पाएगा। हालांकि उनकी मौत का इंतजाम भी श्रीकृष्ण ने कर दिया और अंबा के सामने होने पर भीष्म पितामह उनसे कोई युद्ध नहीं कर पाए और अर्जुन ने उन्हें तीरो की शैय्या पर लेटा दिया। अगर दुर्योधन आगे रहता तो कौरव वंश का नाश होने से बच सकता था और बहुत सारे योद्धा जीवित रहते।
श्रीकृष्ण ने बताई दुर्योधन की गलती
जब दुर्योधन ने श्रीकृष्ण को अपनी इन गलतियों के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे पतन का कारण सिर्फ ये ही एक गलती नहीं है। तुम्हारी हार का सबसे बड़ा कारण है तुम्हारा अधर्मी आचरण। तुमने भरी सभा में अपनी कुलवधु का अपमान किया। उसके चीर हरण का कारण बनें। अपने माता पिता की बात कभी नहीं सुनी और हमेशा पाडंवों से बैर रखा इसी वजह से तुम्हारी हार हुई।
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