प्रेरक कहानी: अगर इंसान खुद को ताकतवर समझ लें तो वो कुछ भी कर सकता है
एक गांव में दो भाई रहा करते थे। जिनमें से बड़े भाई का नाम राम था और छोटे भाई का नाम नविन हुआ करता था। नविन राम से तीन साल छोटा हुआ करता था। राम और नविन एक दूसरे से बेहद प्यार किया करते थे। ये दोनों रोज शाम को एक दूसरे के साथ खूब खेला और घूमा करते थे। एक दिन राम और नविन घूमते हुए किसी सुनसान जगह पर चले गए और वहां पर खेलते हुए राम एक कुएं में जा गिरा। अपने भाई को कुएं में गिरा देख नविन काफी डर गया और उसने मदद के लिए चिलाना शुरू कर दिया। लेकिन सुनसान जगह होने के कारण कोई भी व्यक्ति वहां पर मौजूद नहीं था, जो कि नविन की मदद कर सके। कई समय तक राम कुएं में ही गिरा रहा। नविन को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे राम को कुएं से बाहर निकालें। तभी नविन की नजर कुएं के पास रखी एक रस्सी पर पड़ी। नविन ने सोचा की वो रस्सी को कुएं में डाल देगा और फिर इसकी मदद से राम को ऊपर खींच लेगा।
नविन ने किसी भी तरह की देरी किए बिना उस रस्सी को वहां पर मौजूद एक पेड़ से बांधा और कुएं में रस्सी को फेंककर राम को कहा कि तुम इसको पकड़ लों, मैं तुम्हें ऊपर खींच लूंगा। राम ने नविन की बात को मानते हुए रस्सी को पकड़ लिया। राम का वजन नविन से ज्यादा था, इसलिए नविन को राम को ऊपर खींचने में काफी ताकत लग रही थी। लेकिन नविन ने हार नहीं मानी और काफी देर तक कोशिश करने के बाद राम को कुएं से निकाल दिया और उसकी जान बचा ली।
राम और नविन इस हादसे के बाद अपने घर चले गए और घर में जाकर इन्होंने अपने परिवार वालों को पूरे हादसे के बारे में बताया। परिवार वालों ने जब सुना की राम को नविन ने कुएं से बाहर रस्सी की मदद से निकाला है, तो उनकी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ। घरवालों को लगा की आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि राम से तीन साल छोटा नविन उसको खींच ले। घरवाले इनपर हंसने लगे। लेकिन राम और नविन की दादी को इनकी बातों पर यकीन हो गया।
दादी ने घरवालों से मुस्कुराकर बोला कि नविन ने सच में ही राम की जान बचाई है। क्योंकि जिस वक्त राम कुएं में था, उस समय नविन को कोई ये बताने वाला नहीं था कि तुम राम से छोटे हो और कमजोर हो। नविन को अपने पर विश्वास था और अपने विश्वास के दम पर उसने राम की जान बचाई है। अगर तुम जैसे लोग वहां होते और उसे कहते कि तुम ये नहीं कर सकते हो, तो शायद नविन इस बात को मान लेते और खुद को कमजोर समझ लेता और अपने भाई की जान नहीं बचा पाता। दादी की ये बात सुन सभी घरवाले चुप हो गए और उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया।
राम और नविन की इस कहानी से हमें ये शिक्षा मलती है कि अगर इंसान खुद को ताकतवर समझ लें तो वो कुछ भी कर सकता है। इंसान को हमेशा अपने दिल की बात माननी चाहिए ना कि लोगों के कहने पर खुद को कमजोर समझना चाहिए।