जानिए क्या है इस मंदिर का रहस्य, जहां खुद भगवान करते हैं मौसम की भविष्यवाणी
दरअसल आपको बता दें कि जगन्नाथ मन्दिर की छत पर एक अलौलिक पत्थर जुड़ा हुआ है जो मानसून आने की भविष्यवाणी पन्दह दिन पहले कर देता है। जेठ की दुपहरिया में जब जमीन पर पानी की बूंद वाष्प बनकर स्वाहा हो रही है वंही मन्दिर के गर्भगृह के ठीक उपर लगे इस पत्थर पर पानी की बूंदे छलछला आती हैं। इन बूंदों के दर्शन के लिये श्रद्धालुओं का तांता उमड़ पड़ा है, वे खुश हैं क्योंकि यह बूंदे मानसून समय से आने का पैगाम लेकर आयी हैं। इस दुनिया में आपको कई सारी ऐसी बाते सुनने व देखने को मिल जाती है जिनपर कई बार तो विश्वास नहीं लेकिन अगर अध्यात्म की दृष्टि से देखें तो ये सच होता हे, पर फिर भी कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इन चमत्कारी घटनाओं पर यकीन नहीं करते हैं तो इसे अंधविश्वास का नाम दे देते हैं।
आज हम आपको एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं जिसपर यकीन करना बेहद ही मुश्किल है। दरअसल आपने कई दफा मौसम की भविष्यवाणी करते समय न्यूज चैनल या फिर मौसम विभाग के विशेषज्ञों को सुना होगा लेकिन क्या आप इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि भगवान खुद मौसम का हाल बताएंगे? नहीं ना, पर ये सच है जी हां, आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान मौसम में परिवर्तन के संकेत देते हैं और इस जगह रहने वाले लोकल लोग इसके आधार पर ही खेती करते हैं।
आखिर किस जगह भगवान बताते हैं मौसम का हाल
जिस जगह के बारे में हम बात कर रहे हैं वो भारत देवी है जो कि देवताओं और भगवान की भूमि हैं। यह कई महान अवतारों की कर्मभूमि भी है। जी हां यहां ऐसे कई सारे मंदिर हैं जिनमें चमत्कारी घटनाएं होते ही रहती है, ऐसा ही एक मंदिर है भगवान जगन्नाथ जी का कानपुर के घाटमपुर के बेहटा गांव में। वहां मौजूद स्थानीय लोगों का मानना है कि बादल आने से करीब 15 दिन पहले मंदिर की छत चूने लगती है टपकता पानी इस बात का संकेत है कि मानसून आने वाला है।
इतना ही नहीं ये भी बताते चलें कि इस मंदिर का निर्माण करीब 5 हजार साल पहले हुआ था। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ, सुभद्रा और पद्मनाभ स्वामी की प्रतिमा स्थापित हैं। इसके अलावा यहां पर रहने वाले लोगों की मान्यता है कि वो पिछले काफी लंबे समय से ऐसा करते आ रहे हैं। इस मंदिर से मानसून के जो संकेत मिलते हैं वो आसपास के क्षेत्र में 50 किलोमीटर तक प्रभावी होते हैं। वहीं अगर मंदिर की छत से कम बूंदें गिरती हैं तो माना जाता है कि मानसून अच्छा नहीं रहेगा। ये वाकई में इस कलयुग में एक ऐसी घटना है जो कि किसी के लिए यकीन करना मुश्किल हो जाता है।
लेकिन जो भी भगवान की सच्चे मन से भक्ति करता है उसके लिए ये बेहद ही ज्यादा शुभ समाचार है बता दें कि इस मंदिर में लोग दूर दूर से दर्शन करने भी आते हैं। दरअसल आपको बता दें कि इस मन्दिर की छत पर एक अलौलिक पत्थर जुड़ा हुआ है जो मानसून आने की भविष्यवाणी पन्दह दिन पहले कर देता है। जेठ की दुपहरिया में जब जमीन पर पानी की बूंद वाष्प बनकर स्वाहा हो रही है वंही मन्दिर के गर्भगृह के ठीक उपर लगे इस पत्थर पर पानी की बूंदे छलछला आती हैं । इन बूंदों के दर्शन के लिये श्रद्धालुओं का तांता उमड़ पड़ा है, वे खुश हैं क्योंकि यह बूंदे मानसून समय से आने का पैगाम लेकर आयी हैं।