तो इस वजह से पूजा में किया जाता है नारियल का इस्तेमाल
हिन्दू धर्म में पूजा करने के दौरान प्रयोग होने वाली सामग्रियों में नारियल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। हमारे धर्म में नारियल को बेहद ही पवित्र बताया गया है और किसी भी तरह की पूजा के दौरान नारियल का इस्तेमाल करना अनिवार्य माना गया है। नारियल के बिना की गई पूजा को सफल नहीं माना जाता है। इसके अलावा मंदिर में भी भगवान के सामने नारियल को जरूर फोड़ा जाता है और इसमें से निकलने वाला जल भगवान पर छिड़का जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर क्यों नारियल को पूजा के दौरान रखा जाता है और क्यों नारियल को हिंदु धर्म में इतना शुभ माना गया है।
जानिए क्यों पूजा के दौरान रखा जाता है नारियल और क्यों इसको माना गया है पवित्र-
विष्णु धरती पर लाए थे नारियल को
हमारे धार्मिक ग्रंथों में नारियल का जिक्र किया गया है और ग्रंथों के अनुसार जब भगवान विष्णु धरती पर अवतर लेकर आए थे तो वो अपने साथ तीन चीजों को धरती पर लाए थे। जिनमें से एक लक्ष्मी,एक कामधेनु और एक नारियल का वृक्ष था। इसी कारण से नारियल को पवित्र और शुभ माना जाता है।
नारियल में है देवताओं का वास
शास्त्रों के अनुसार नारियल के अंदर तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है और जब आप पूजा में नारियल को रखते हैं तो आप अपनी पूजा के दौरान इन तीनों देवों को याद कर लेते हैं। इसके अलावा नारियल पर दिखने वाले तीन निशानों की तुलना शिव जी के तीन नेत्रों से भी की जाती है।
माता रानी का प्रिय फल है नारियल
नारियल का प्रयोग नवरात्र के दौरान जरूर किया जाता और नौ दिनों तक इसे लाल कपड़ा में लपेट कर कलश के ऊपर रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि माता रानी का नारियल प्रिय फल है और नवरात्र में नारियल को घर में रखने से मां खुश हो जाती है और हर मनोकामना पूरी कर देती हैं।
भगवान से सामने खुद को समर्पित करना
ऐसा माना जाता है कि जब आप नारियल को भगवान के सामने फोड़ते हैं तो आप अपने आपको भगवान के चरणों में समर्पित कर देते हैं। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि नारियल को भगवान के आगे फोड़ते ही आपके जीवन के सभी तरह के दुख दूर हो जाते हैं।
नारियल से जुड़ी है एक कथा-
एक धार्मिक कथा के अनुसार एक बार ऋषि विश्वामित्र किसी बात को लेकर इन्द्र से काफी नाराज हो गए थे और गुस्से में आकर ऋषि विश्वामित्र ने दूसरा स्वर्ग बनाने का फैसला कर लिया था। जिसके बाद वो एक नई सृष्टि की रचना करने लग गए। लेकिन देवताओं के समझाने के बाद ऋषि विश्वामित्र ने नई सृष्टि के निर्माण करने के फैसले को त्याग दिया। हालांकि नए संसार को बनाते समय उन्होंने इंसान के प्रतीक में नारियल को बनाया दिया था और इस वजह से नारियल को पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि नारियल के बाहर वाले हिस्से पर दिखने वाले तीन निशानों में से दो निशान इंसान की आंखे और एक निशान इंसान के मुख को दर्शाता है।