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चीन की जुर्रत! अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को दी धमकी! कहा – ‘बदला लेंगे’
शंघाई/नई दिल्ली – चीन ने बड़ी जुर्रत दिखाते हुए अमेरिका को धमकी दे डाली कि अगर वह वन चाइना पॉलिसी खत्म करता है तो इसके भयंकर परिणाम होंगे। दरअसल, चीन ताइवान के राष्ट्रपति के अमेरिका जाने और ह्यूसटन में उनके रुकने से बौखलाया गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए लिखा है कि वह ताइवान की राष्ट्रपति साय इंग वन को अमेरिका में न घुसने दे और वन चाइना पॉलिसी को लेकर कोई बैठक न करे। One china policy.
क्या है ‘वन चाइना पॉलिसी’ और क्यों भड़का है चीन –
सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि ‘वन चाइना पॉलिसी’ क्या है । ‘वन चाइना पॉलिसी’ का मतलब उस नीति से है, जिसके मुताबिक़ ‘चीन’ नाम का एक ही राष्ट्र है और ताइवान अलग देश नहीं, बल्कि उसका प्रांत है। पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (पीआरसी), जिसे आम तौर पर चीन कहा जाता है, वो साल 1949 में बना था। दरअसल चीन इसलिए भड़का हुआ है कि अमेरिका कहीं ‘वन चाइना पॉलिसी’ या ‘एक चीन नीति’ से अलग हटकर ताइवान को अलग राष्ट्र के तौर पर मान्यता न दे दे।
यह है ताइवान मसला –
ट्रम्प ने पिछले साल दिसंबर में ताइवान की प्रेसिडेंट तसाई इंग-वेन से फोन पर बात की थी। जिसे लेकर चीन को यह डर है कि कहीं ट्रम्प ‘वन चाइना पॉलिसी’ पर अमेरिका के पहले के रुख में बदलाव कोई चेंज न कर दें। गौरतलब है कि चीन ने ताइवान को यह ऑफर दिया था कि अगर वह खुद को चीन का हिस्सा मान ले तो उसे ऑटोनॉमी (स्वायत्तता) दे दी जाएगी, लेकिन ताइवान ने इसे ठुकरा दिया था। इस सबके बीच ताइवान की प्रेसिडेंट तसाई इंग-वेन ने रविवार को ह्यूस्टन में एक सीनियर यूएस रिपब्लिकन से मुलाकात की और टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने तसाई के साथ मुलाकात की फोटो ट्वीट कर दी। इस मीटिंग को लेकर चीन को डर है कि कहीं अमेरिका और तसाई ‘वन चाइना पॉलिसी’ को बदल ना दें।
ताइवान को अलग देश माना तो रिश्ते तोड़ लेंगे –
चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अमेरिका ने ‘एक चीन नीति’ से अलग हटकर ताइवान को अलग राष्ट्र के तौर पर मान्यता दी तो वह अपने सारे रिश्ते तोड़ लेगा और इसका बदला लेगा। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के रविवार को छपे लेख में यह धमकी दी गई है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘अगर अमेरिका ने वन चाइना पॉलिसी को छोड़ा तो चीन इसका माकूल जवाब देने को तैयार है। अगर जरूरी हुआ तो अमेरिका से कूटनीतिक संबंध खत्म करने से भी चीन नहीं हिचकेगा।’ समाचार पत्र में आगे कहा गया है कि यह कदम चीन को ताइवान पर सैन्य शक्ति के बल पर कब्जे के लिए मजबूर करेगा।