चुनाव आयोग से मिले मुलायम, रामगोपाल के दस्तावेजों को बताया फर्जी !
यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है, पार्टी का दो गुटों में बाँटना अब जग जाहिर है, एक तरफ अखिलेश यादव का गुट है तो दूसरी तरह शिवपाल यादव का मजे की बात तो यह है कि ऐसे में खुद मुलायम सिंह यादव सीएम अखिलेश के गुट में नहीं हैं. और इसीलिए दोनों गुट पार्टी के चुनाव चिह्न पर अपना अपना दावा पेश कर रहे हैं.
वहीँ चुनावी घोषणा होने के बाद भी सपा का अंतर कहल ख़त्म ना होने से कार्यकर्ता परेशान हैं और पार्टी में बुरी तरह से फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं. लेकिन बावजूद इसके ज्यादातर कार्यकर्ताओं और नेताओं का रुझान अखिलेश यादव की तरफ दिख रहा है.
चुनाव आयोग से मिले मुलायम :
सोमवार को मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग गये और खुद को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुये उन्होंने अखिलेश यादव गुट यानी की रामगोपाल की तरफ से किये गये अधिवेशन को पार्टी के संविधान के लिहाज से असंवैधानिक बताया. और साइकिल के चुनाव चिह्न पर अपना अधिकार जताते हुये आयोग से गुजारिश की कि साइकिल उन्हीं के पास रहना चाहिये.
मुलायम शिवपाल यादव और अमर सिंह के साथ चुनाव आयोग पहुंचे, मुलायम ने रामगोपाल और अखिलेश गुट की तरह से जमा कराये गये हलफनामे और दस्तावेजों को चुनौती दी और कहा की वो दस्तावेज फर्जी हैं. उन्होंने आयोग से हलफनामे का सत्यापन कराने की बात कही.
मुलायम सिंह यादव ने आयोग के सामने अपना पक्ष रखा उन्होंने रामगोपाल यादव के बुलाये अधिवेशन को फर्जी बताते हुये कहा कि अखिलेश राष्ट्रिय अध्यक्ष नहीं हो सकते क्योंकी संवैधानिक रूप से अधिवेशन बुलाने वाला व्यक्ति पार्टी में पदस्थ नहीं था, उन्होंने कहा कि रामगोपाल पहले ही पार्टी से निष्काषित किये जा चुके थे, ऐसे में उनका बुलाये अधिवेशन में राष्ट्रिय अध्यक्ष की घोषणा का कोई औचित्य नहीं है.
मुलायम ने एक और दलील देते हुये चुनाव आयोग से कहा कि जिस अधिवेशन में अखिलेश को राष्ट्रिय अध्यक्ष बनाया गया उसमें उन्हें संरक्षक बनाने का प्रस्ताव तो पारित हुआ था मगर अध्यक्ष पद से हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया था.