अध्यात्म

आखिर क्यों रविवार को नहीं तोड़ी जाती तुलसी की पत्तियां और क्यों नहीं चढ़ाते हैं जल, ये है कारण

पेड़ पौधे अगर हमारे आस पास हों तो उससे हमारा मन खुश रहता है और साथ ही स्वास्थ भी बेहतर बना रहता है। वहीं अगर तुलसी का पौधा है तो इसे हर घर में लगाना शुभ मानते हैं। जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है वहां कभी भी कोई नकारात्मकता नहीं आती। साथ ही धन संपदा की कमी नहीं होती। कहा जाता है कि घर में किसी के साथ बुरा होने और किसी तरह का संकट आने से पहले ही तुलसी उसे अपने ऊपर ले लेती है। ऐसे में हर घर में आपको तुलसी का पौधा देखने को मिल जाएंगा।

भगवान विष्णु की प्रिय हैं तुलसी

हालांकि तुलसी के पौधे के भी अपने कुछ नियम हैं जिनका पालन करना जरुरी माना जाता है। जैसे इसके पत्ते कब तोड़ने चाहिए और कब नहीं औऱ इसकी पूजा कैसे की जानी चाहिए और कब नहीं। इन परंपराओं को सख्ती से पालन किया जाता है। साथ ही शाम के वक्त कभी भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते हैं। आपको बताते हैं कि रविवार के दिन तुलसी के पेड़ में जल क्यों नहीं दिया जाता है।

रविवार का दिन विष्णु भगवान का दिन होता है। वहीं तुलसी भी विष्णु भगवान की प्रिया मानी जाती है। इसके चलते कभी भी रविवार के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते। दरअसल जब भी भगवान विष्णु की पूजा होती है या उन्हें किसी तरह का प्रसाद चढ़ता है तो उसमें तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन रविवार के दिन उनके पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए।

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तुलसी औऱ विष्णु के प्रेम के पीछे एक कहानी है। दरअसल तुलसी का विवाह विष्णु के ही दूसरे रुप शालीग्राम से देवउथनी एकादशी पर संपन्न हुआ था। इसके साथ ही हफ्ते के सभी दिन एक जैसे नहीं माने गए हैं। जैसे मंगलवार और शनिवार को क्रूर माना गया है तो इस दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते हैं वहीं रविवार के दिन तुलसी को जल देना निषेध किया गया है।

इसलिए रविवार को नहीं तोड़ते पत्तियां

ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन ही तुलसी का विवाह शालीग्राम से हुआ था औऱ वो अपने पति के लिए इसी दिन व्रत रखती हैं। ऐसे में इस दिन उन्हें जल नहीं चढ़ाना चाहिए। साथ ही ये माना जाता है कि विष्णु भगवान को तुलसी औऱ रविवार का दिन दोनों प्रिय है और इस दिन उसमें जल नहीं पड़ना चाहिए।

जैसे रविवार के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ा नहीं जाता उसी प्रकार से गुरुवार के दिन तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। साथ ही इसे घर के बाहर नहीं बल्कि आंगन के बीचों बीच लगाना शुभ माना जाता है। अगर आप कार्तिक महीने में तुलसी के पौधे को अपने घर में लगाते हैं तो इससे विशेष फल मिलता है।

विष्णु जी को तुलसी प्रिय बनाने के पीछे गणेश जी को माना जाता है। उनके वरदान से ही तुलसी को कलयुग में भगवान विष्णु और कृष्ण प्रिया बनने का मौका मिला साथ ही संपूर्ण जगत को मोक्ष देने का वरदान भी प्राप्त हुआ, लेकिन गणेश ने अपनी पूजा में तुलसी का प्रयोग निषेध रखा है। इस वजह से गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं होता है, जबकि विष्णु भगवान की पूजा में उनका प्रयोग सर्वोत्तम माना गया है।

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