बॉलीवुड छोड़ ढाबे पर काम करने लगा था ये हिट एक्टर, इस तरह से फिर हुई फिल्मों में ही वापसी
किसी भी फिल्म में सिर्फ हीरो हिरोइन औऱ विलेन के होने से ही फिल्म नहीं चल जाती बल्कि कुछ सह कलाकार ऐसे भी होते हैं जो फिल्म को खास बना देते हैं। खासकर कॉमेडी फिल्म में हीरो से कहीं ज्यादा दर्शकों का ध्यान ऐसे सह कलाकारों पर रहता हैं। ऐसे ही जबरदस्त एक्टिंग के उस्ताद हैं संजय मिश्रा जिन्होंने कॉमेडी के साथ साथ की गंभीर फिल्मों में भी बेहतरीन रोल निभाए। हालांकि उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा आ गया था जब उन्होंने सारी एक्टिंग छोड़ दी थी। यहां तक की वो ऋषिकेष चले गए थे और एक ढाबे पर काम करने लगे थे।
पिता के मौत से टूट गई संजय मिश्रा
संजय मिश्रा एक्टिंग में अच्छा हाथ जमा चुके थे। उन्होंने कई तरह के रोल किए थे जो दर्शकों को काफी पसंद आए थे, लेकिन उनके जिंदगी में एक वक्त ऐसा आया जब वो टूट गए। संजय मिश्रा के पिता का देहांत हो गया और वो पूरी तरह बिखर गए। वो अपने पिता के बहुत करीब थे। पिता के मौत ने उन्हें सदमा दे दिया और वो अकेला महसूस करने लगे।
संजय अपने पिता के मौत से ऐसी हालत में चले गए थे कि उनका दोबारा मुंबई जाने का मन ही नहीं हुआ। उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी और अकेले पड़ गए। उन्हें का अकेलापन परेशान कर रहा था। एक दिन उन्होंने अपना घर भी छोड़ दिया औऱ ऋषिकेष चले गए। वो अपना भरण पोषण करने को लिए एक ढाबे पर काम करने लगे। उन्होंने 100 से भी ज्यादा फिल्में की थी, लेकिन उन्हें वो सफलता नहीं मिली।
रोहित के बुलावे पर लौटे संजय
रोहित शेट्टी की फिल्म गोलमाल में संजय मिश्रा ने बबली विलेन का किरदार निभाया था जो दर्शकों को काफी पसंद आया था। रोहित उन दिनों फिल्म ऑल द बेस्ट पर काम कर रहे थे और उन्हें संजय मिश्रा का ख्याल आया। रोहित ने संजय से बात की, लेकिन वो फिल्म में काम करने को तैयार नहीं हुए। फिर रोहित शेट्टी ने उन्हें मनाया और फिल्म साइन करवाई।इसके बाद संजय मिश्रा ने गोलमाल की सारी सीरिज में काम किया और फिर एक के बाद एक फिल्में उन्हें मिली। संजय ने मिस टनकपुर हाजिर हों, प्रेम रतन धन पायो, मेरठिया गैंगस्टर्स, दम लगाके हायशा जैसी फिल्मों में काम किया है।
संजय मिश्रा क बचपन से ही फिल्मों में काम करने की धुन सवार थी। बचपन में वो अपने पिता संग संगीत कार्यक्रम देखने जाते थे क्योंकि उनके पिता भी संगीत से जुड़े थे।। संजय मिश्रा ने टीवी से करियर की शुरुआत की और शो चाणक्य में काम किया।। फिर धीरे धीरे उन्हें फिल्मे मिलनी लगीं। धमाल और गोलमाल जैसी फिल्मों से एक बार फिर संजय ने अपने हुनर का परचम लहराया।
संजय मिश्रा ने कई फिल्मों में बेहतरीन काम किया , लेकिन प्रेम रतन धन पायो में उनके किरदार को पसंद किया गया। उन्होंने ओह डार्लिंग ये हैं इंडिया में काम किया। इसके बाद सत्या और दिल से काम किया। आज संजय की पहचान इन्हीं फिल्मों से हैं। अगर रोहित शेट्टी ने उन्हें दोबारा फिल्मों में काम करने के लिए नहीं मनाया होता तो एक बेहतरीन कमेडियन एक्टर हमसे दूर किसी ढाबे पर ही काम कर रहा होता।
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