जज्बे को सलाम : देश की सेवा करने के लिए US की नौकरी छोड़कर IPS अफसर बनी निहारिका भट्ट
देशभक्ति का नारा लगाना और देश की सेवा करना ये दोनों एक अलग तरह की बातें हो जाती है और उस वक़्त तो और भी ज्यादा अलग जब आप विदेश में रह कर एक अच्छी ख़ासी नौकरी कर रहे हों और पैसे कमा रहे हो मगर उसे छोड़कर आप वापिस अपने वतन लौट आते हैं और देश को अपनी सेवा देने के लिए जी जान लगा देना और एक IPS अफसर बनाना ये सब करने के लिए आपके अंदर एक गजब का जज्बा होना चाहिए और ये था देश की बेटी निहारिका भट्ट के अंदर, जिन्होने इस काम को ना सिर्फ करने की सोची बल्कि कर के दिखाया भी।
इस तरह रहा निहारिका का IPS अफसर बनाने का सफर
असल में बेहद ही होनहार निहारिका जो की उन दिनों अमेरिका में रह रही थी और वहीं से उसने अपने माता-पिता को फोन किया और उन्हे अपनी एक ऐसी ख्वाहिश के बारे में बताई जिसे सुनने, जानने और बेटी की ललक को देखते हुए उनके पापा ने अपनी तरफ से मंजूरी दे दिया दिया जिसके तुरन ही बाद निहारिका भट्ट ने अमेरिका फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के पद से इस्तीफा दे कर भारत आ गयी और फिर शुरू कर दिया वो काम जिसके लिए वो विदेश से ही सपने सँजोकर वापिस अपने देश आई थी। असल में निहारिका का सपना था की वो भारत आ कर लगन के साथ पढ़ाई करें और देश की सेवा करें।
इस दौरान वे सिर्फ खाना खाने के लिए ही अपने कमरे से बाहर निकलती थीं और बाकी का पूरा समय सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई और ईश्वर भी इस बात की गवाही देते हैं की जो भी इंसान सच्ची लगन और मेहनत के साथ मेहनत करता है उसे सफलता तो मिलनी ही मिलनी है। आखिरकार वो पल भी आ ही गया और उनकी मेहनत का पक्का रंग सिर्फ एक साल में ही खिल उठा और निहारिका ने यूपीएसई में 146 रैंक लायी और एक IPS अफसर बन गईं। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की अमेरिका जाने से पहले निहारिका ने लखनऊ के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में पढ़ाई की थी।
हालांकि यूपीएसई की तैयारी के लिए उन्होने किसी ही तरह की कोई भी कोचिंग क्लासेस नहीं लीं उन्होने खुद से पढ़ाई करने का फैसला किया। निहारिका बताती हैं की वे प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक समय तक पढ़ाई करती थी। चूंकि दिल्ली में रहने के दौरान उनका सारा का सारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई की तरफ था और इसी वजह से वो हर किसी से कट गई थी। उन्होने यह भी बताया की उनके माता-पिता को छोड़कर परिवार में किसी के पास भी मेरा फोन नंबर नहीं था जो की उनके लिए काफी सुविधाजनक भी रहा और शायद ये भी एक वजह थी की उन्होने 1 ही साल में ये परीक्षा पास कर ली।
एक साक्षात्कार के दौरान निहारिका बताती हैं की उनसे खाप पंचायतों और विभिन्न मौजूदा मुद्दों के बारे में पूछा गया था तो इसपर उनका कहना है कि वह इसके भी जवाब देने में सक्षम थीं क्योंकि इसके बारे में उन्होंने इंटरनेट की मदद तकरीबन सब कुछ पद और जान रखा था लिहाजा इसका जवाब देने में उन्हे कोई तकलीफ नहीं हुई। आपको यह भी बताते चलें की निहारिका भट्ट की शादी अर्जुन शर्मा से हुई है जो खुद भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं और अच्छी बात ये रही की शादी के बाद उन्हें पति के कैडर को ज्वाइन करने के नियम का लाभ मिला और उनके कैडर को बदलकर यूटी कैडर कर दिया गया।