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चुनावी समर में प्रियंका ने छोड़ी कांग्रेस, बोलीं ‘जिसके लिए पत्थर-गालियां खाई, उसी ने मुझे…’

चुनावी समर में कांग्रेस की धाकड़ प्रवक्ता कही जानी वाली प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। प्रियंका चतुर्वेदी को अक्सर टेलीविजन पर कांग्रेस का पक्ष रखते हुए देखा जाता था, लेकिन अब यह चेहरा आपको कांग्रेस के पक्ष में नहीं दिखेगा। जी हां, प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार की देर रात को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसके बाद उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से भी प्रवक्ता हटा लिया और सिर्फ अपना नाम रहने दिया। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस की मजबूत प्रवक्ता मानी जाती थी, लेकिन गुरुवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे पार्टी को काफी बड़ा झटका लगा है। प्रियंका चतुर्वेदी पिछले कुछ दिनों से पार्टी के रवैये से काफी परेशान थी, जिसकी वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी छोड़ते हुए ट्विटर प्रोफाइल में खुद को कॉलमिस्ट-ब्लॉगर-मदर बताया है और सभी ट्वीट और रिट्वीट को पर्सनल बताया है। दरअसल, प्रियंका चतुर्वेदी के पार्टी छोड़ने की अटकले बीते दिनों से ही लगाई जा रही थी, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस पर गुंडो को तरजीह देने का आरोप लगाया था।

ट्विटर से हटाया ‘कांग्रेस प्रवक्ता’

प्रियंका चतुर्वेदी पहले अपने ट्विटर प्रोफाइल पर राष्ट्रीय कांग्रेस प्रवक्ता लिखती थी, जिसको उन्होंने शुक्रवार की सुबह ही हटा दिया। ऐसे में अब प्रियंका चतुर्वेदी ने अपना ट्विटर का ठिकाना बदल लिया है और नई प्रोफाइल में खुद को कॉलमिस्ट-ब्लॉगर-मदर बताने के साथ अपने सारे ट्वीट और रीट्वीट को पर्सनल बताया है। बता दें कि प्रियंका चतुर्वेदी ने 17 अप्रैल को ट्वीट कर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नाराजगी जता दी थी, लेकिन फिर भी पार्टी हाईकमान ने कोई एक्शन नहीं लिया, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

गुंडों की दी जाती है तरजीह

प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस पार्टी में सिर्फ गुंडो को ही तरजीह दी जाती है। प्रियंका चुतर्वेदी ने ट्वीट किया था कि जो लोग मेहनत कर अपनी जगह बना रहे हैं, उनके बदले ऐसे लोगों को तवज्जो मिल रही है, जोकि लोगों को धमकाते हैं। साथ ही प्रियंका ने आगे लिखा कि पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाए हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं और नेतृत्व उस पर कार्रवाई भी नहीं किया और सस्ते में छोड़ दिया। बता दें कि प्रियंका का कहना है कि राफेल डील के मामले में मथुरा में एक प्रेस कांफ्रेस हो रही थी, जहां पार्टी के नेताओं ने उन्हें धमकाया।

शिवसेना में हो सकती हैं शामिल

कांग्रेस छोड़ने के बाद प्रियंका चतुर्वेदी के शिवसेना ज्वाइन करने की अटकले भी तेज हो चुकी हैं। हालांकि, प्रियंका चतुर्वेदी ने फिलहाल इस मामले में कुछ भी नहीं कहा है और वे अभी खुद को थोड़ा टाइम देना चाह रही हैं, लेकिन सूत्रों की माने तो प्रियंका चतुर्वेदी जल्दी ही शिवसेना का रुख कर सकती हैं, लेकिन अगर अभी राहुल गांधी चाहे तो वे फिर से कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं।  प्रियंका के मुताबिक, यूपी में जिन लोगों ने उनसे बदसलूकी की, उन पर अनुशासित रुप से कार्रवाई की गई, लेकिन ज्योतिरादित्य के सिफारिश के बाद कार्रवाई को बहाल कर दिया गया।

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