दिन में केवल 5 मिनट निकालें भगवान के लिए समय, आपकी सारी इच्छाएं होंगी पूरी!
आज के समय में काम में इंसान इतना व्यस्त हो चुका है कि उसके पास दो पल के लिए भगवान को याद करने का भी समय नहीं बचा है। जब वह बहुत ज्यादा दुःख में होता है, तभी उसके मुँह से भगवान का नाम निकलता है। अगर हर इंसान अपने जीवन में रोज केवल 5 मिनट भी भगवान के लिए निकाल ले, तो भगवान को उससे ही प्रसन्न किया जा सकता है। हर रोज 5 मिनट भी ध्यान करके भगवान को खुश किया जा सकता है और अपने जीवन के कष्टों को दूर किया जा सकता है।
भगवन शिव नहीं करते हैं अपने भक्तों में फर्क:
भगवान शिव को तो आप जानते ही हैं कि वह बहुत ही दयालु हैं, वह अपने भक्तों में फर्क नहीं करते हैं। जो भी सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, वह उसकी हर इच्छा को पूरी कर देते हैं। भगवान शिव के नाम से अगर आप अपने दिन की शुरुआत करेंगे तो आपके सभी बिगड़े काम भी उस दिन पुरे हो जायेंगे और आपक हमेशा खुश रहेंगे। इन्हों खुश करने के बाद आपको किसी और देवता को खुश करने की जरुरत नहीं है।
इस तरह से कर सकते हैं भगवान शिव को खुश:
*- पहला मिनट:
सुबह उठने के बाद एक मिनट के लिए भगवान शिव का ध्यान करें। पुरुष लोग भगवान शिव की मूर्ति या चित्र के सामने दंडवत प्रणाम करें और महिलाएँ अपना सर झुककर उनका ध्यान करें। दिन की शुरुआत में एक मिनट के लिए किया गया ये काम आपके लिए सुरक्षा कवच की तरह होता है। ऐसा करने से पूरे दिन आपको कोई कष्ट छू भी नहीं सकता है।
*- दूसरा मिनट:
स्नान करने के बाद सभी लोगों को शिवलिंग के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलना चाहिए। धुप-अगरबत्ती जलाकर उसे हाथ में ले लें और उसके साथ शिवलिंग की 9 बार परिक्रमा करें। आपका ये दूसरा मिनट जीवन की सभी परेशानियों से बचाने का काम करता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की, की गयी परिक्रमा पुरे संसार की परिक्रमा के बराबर होता है।
*- तीसरा मिनट:
आप दिन के तीसरे मिनट में शिवलिंग के समक्ष बेल पत्र अर्पित करें और ॐ नमः शिवाय मन्त्र का जाप करें। ऐसा करने से संतान से सम्बंधित सभी समस्याएँ समाप्त हो जाती हैं। निसंतान लोगों को संतान की प्राप्ति होगी और जिन लोगों की संतान उनका कहना नहीं मानती है, वह आज्ञाकारी बनकर उनकी आज्ञा का पालन करने लगेगी।
*- चौथा मिनट:
दिन के चौथे मिनट में आप शिवलिंग का साफ़ जल, अगर संभव हो तो गंगाजल से अभिषेक करें, ऐसा करने से आपके सभी सम्बन्ध बहुत मजबूत होंगे और जो सम्बन्ध टूट चुके हैं, वह फिर से एक बार जुड़ जायेंगे।
*- पाँचवा मिनट:
आप पाँचवे मिनट में एक थाली या प्लेट में कपूर जलाएं और शिवलिंग के सामने खड़े होकर भगवान शिव की आरती गायें।
भगवन शिव की आरती:
- ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा |
- ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
- एकानन चतुरानन पंचांनन राजे |
- हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
- दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें |
- तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
- अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी |
- चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
- श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें |
- सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगें॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
- कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता |
- जगकर्ता, जगभर्ता, जगससंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
- ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका |
- प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
- काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी |
- नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
- त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें |
- कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें ॥ ॐ जय शिव ओंकारा…..
- जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
- ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा……
आरती के बाद आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ावा चढ़ाएँ, ऐसा करने से आपके जीवन के सभी कष्ट देखते ही देखते दूर हो जायेंगे।