Spiritual

महाभारत के वो 3 सबसे धुरंधर योद्धा जिन्हे हरा पाना था असंभव, धोखे से मार दिया गया

अगर हम बात करें अपने इतिहास की तो आपको कई सारे ऐसे ग्रंथ मिल जाएंगे जो कई सारे किस्से बयां करते हैं जिनमें से कुछ ग्रंथ तो ऐसे भी है जो वाकई में काफी मशहूर भी है और लोग आज भी उसका अनुसरण करते हैं। जी हां दरअसल हम जिसके बारे में बात कर रहे हैं वो धार्मिक ग्रंथ महाभारत है जो कि हमेशा से ही चर्चित रही है, इनमें से कई सारी ऐसी कहानियां और पात्र होंगे जो आपको मुंह जुबानी ही याद होंगे, महाभारत विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र की जमीन पर लड़ा गया था। महाभारत हमे लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े कईं गुण भी सिखाता है। इसलिए आज हम आपको इस ग्रंथ के कुछ महान योद्धाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको धोखे से मार दिया गया था।

अभिमन्यु

तो सबसे पहले बात करते हैं अभिमन्यु की, जी हां जो कि दुनिया के सबसे बड़े धनुर्धर अर्जुन के पुत्र थे। अभिमन्यु इतने वीर थे कि वह मात्र 16 साल की आयु में ही महाभारत का युद्ध लड़ने चले गए थे। जी हां ये भी बता दें कि इस युद्ध में वह अर्जुन की अनुपस्थिति में चक्रव्यूह तोड़ने में सफल रहे थे किंतु उसके बाद उनको द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण जैसे बड़े योद्धाओ ने घेर लिया और मिलकर उसकी हत्या कर दी। बताया जाता है कि अभिमन्यु ने अर्जुन से चक्रव्यूह भेदने की कला तब सीखी थी जब वो अपनी मां के गर्भ में थे।

द्रोणाचार्य

अब दूसरा नाम आता है द्रोणाचार्य का, जो कि महाभारत के महान योद्धा में से एक थें लेकिन वहीं बात करें पांडवों की तो उन लोगों ने भी इनको धोखे से मार दिया था। जी हां बताया जाता है कि जब द्रोणाचार्य पांडवो पर भारी पड़ रहे थे तो पांडवों ने द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वथामा की मौत की झूठी खबर फैला दी थी इस खबर से द्रोणाचार्य को सदमा लगा और इसका लाभ पांडवो ने उठाते हुए द्रोणाचार्य की हत्या करवा दी।

दुर्योधन

अब बात करते हैं सबसे बलशाली योद्धा की जिसका नाम है दुर्योधन, जी हां दरअसल बताया जाता है कि गांधारी के वरदान से दुर्योधन का पूरा शरीर वज्र का हो गया था लेकिन फिर भी इस युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन को बातों में उलझाकर और इस दौरान उसके कुछ अंगों पर केले के पत्ते लगवा दिए थे जिसकी वजह से वो अंग और ज्यादा कमजोर हो गए और फिर इसका लाभ भीम को हुआ। फिर क्या था भीम ने इन अंगों पर वार करके दुर्योधन की हत्या कर दी थी।

तो ये थे महाभारत काल के 3 योद्धा जिन्हे हरा पाना तो तकरीबन किसी के भी बस में नहीं था और बहुत ही ज्यादा मुश्किल भी था मगर इनसे पार पाना था तो किसी भी तरह छल कर के युद्ध में इनकी जान ले ली गई मगर ये सभी आज भी अपने परकरम के लिए जाने जाते हैं।

Back to top button