कभी नक्सली हमले का शिकार हुई थी UPSC की ये टॉपर, और अब इस तरह बदल गई है जिंदगी
पिछले महीने ही UPSC-2019 का रिजल्ट घोषित हुआ और इसमें कई बच्चों ने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है. कई मीडिल क्लास फैमिली के बच्चों ने दिन-रात मेहनत करके अपने करियर को एक अलग ही मुकाम दिया है. उन्हीं में से एक रही हैं छत्तिसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की 25 साल की नम्रता जैन जिन्होने संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित सिविल सेवा की परीक्षा मे 12वीं रैंक हासिल की है. दंतेवाड़ा जिला देश में नक्सलवाद से बहुत ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. कभी नक्सली हमले का शिकार हुई थी यूपीएससी की ये टॉपर, इनके ऊपर क्या-क्या बीती चलिए बताते हैं.
कभी नक्सली हमले का शिकार हुई थी यूपीएससी की ये टॉपर
जिले के गीदम प्रांत की निवासी नम्रता जैन ने साल 2016 में सिविल सेवा परीक्षा में 99वीं रैंक हासिल की थी और इनका चयन भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस के लिए हुआ और वह फिलहाल हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस एकेडमी मे ट्रेनिंग ले रही हैं. नम्रता ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘मैं हमेशा से कलेक्टर बनना चाहती थी जब मैं 8वीं कक्षा में पढ़ती थी तब एक महिला अधिकारी मेरे स्कूल आई थी और बाद में मुझे पता चला कि वो कलेक्टर थीं.
मैं उनसे बहुत प्रभावित हुई और उसी समय मैंने तय कर लिया कि आगे चलकर मुझे कलेक्टर ही बनना है.’ इसके आगे नम्रता जैन ने बताया कि कुछ समय पहले उनके कस्बे में एक पुलिस स्टेशन में नक्सलियों ने विस्फोटक कर जिया था जिसने उन्हें सिविल सेवा में शामिल होकर गरीबों की सेवा करने और माओवाद प्रभावित क्षेत्र में विकास करने के लिए प्रेरित किया था.
इस बार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की चयन की उम्मीद कर रहीं नम्रता जैन ने कहा, ‘मैं जिस जगह से आई हूं वह नक्सलवाद से बहुत ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है. वहां के लोगों के पास शिक्षा और कई दूसरी जरूरतों जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. मैं अपने राज्य के लोगों की सेवा करना चाहती हूं.’ नम्रता जैन ने कहा कि दंतेवाड़ा में विकास लाना और वहां से नक्सलवाद का सफाया करना अब उनका यही मकसद बन गया है. इसके अलावा अपने क्षेत्र से हर बुराई को मिटाने का लक्ष्य लेकर ही नम्रता जैन वर्दी पहनेंगी और इसके बाद वे वहां पर शिक्षा का अच्छा स्तर बनाएंगी जिससे वहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और वे भी दुनिया के साथ कदम से कदम मिला सकें.