नवरात्रि में माता दुर्गा के इन 6 मंदिरों के करेंगे दर्शन, तो पूरी होगी मनचाही इच्छा
नवरात्रि में माता दुर्गा के अनेक रूप की पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। माता दुर्गा के भक्त नवरात्रि में नौ दिन का उपवास करते हैं। नौ दिन का उपवास करने से माता दुर्गा की कृपा अपने भक्त पर ज़रूर बरसती है। जी हां, नवरात्रि में माता दुर्गा के मंदिर में भक्तों की लंबी चौड़ी भीड़ होती है, ताकि माता दुर्गा उनके सभी कष्टो को हर ले और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर दें। ऐसे में हम आपको माता दुर्गा के उन मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां नवरात्रि में पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
मनसा देवी मंदिर, उत्तराखंड
हरिद्वार के पास झुंझुनू गांव में स्थित मनसा देवी मंदिर काफी प्रचलित है। माना जाता है कि इस मंदिर में जो कोई नवरात्रि के समय जाकर माथा टेकता है, उसकी मनोकामना ज़रूर पूरी होती है। मनसा देवी मंदिर का निर्माण साल 1971 में सेठ सूरजमलजी ने बनवाया था, क्योंकि उनके सपने में खुद माता दुर्गा ने आकर मंदिर बनवाने की इच्छा जताई थी। 41 कमरे, श्री लंबोरिया महादेवजी मंदिर, श्री लंबोरिया बालाजी मंदिर और सिंहद्वार वाले इस मंदिर में हर समय भक्तों की भीड़ रहती है।
अंबा माता मंदिर, गुजरात
गुजरात के जूनागढ़ का अंबा माता मंदिर नव विवाहित जोड़ियों के लिए काफी खास माना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी कपल इस मंदिर में माथा टेकते हैं, उनकी लाइफ में कभी कोई परेशानी नहीं आती है। इतना ही नहीं, नव विवाहित जोड़ियों को खुद अंबा माता का आशीर्वाद मिलता है और यहां भक्त जो कुछ भी मांगते हैं, माता उनकी हर मुराद पूरी करती हैं।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर तीर्थ के लिए काफी ज्यादा प्रचलित है, लेकिन नवरात्रि में यहां जाकर माथा टेकने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इस मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ रहती है और हर कोई अपनी गुहार माता के दरबार में लगाता है। बता दें कि इस मंदिर की उत्तर दिशा में राधाकृष्ण का दालान स्थित है, तो पश्चिम दिशा की ओर बारह शिव मंदिर बंगाल के अटचाला रूप में हैं, जोकि मंदिर की शोभा को बढ़ाते हैं। यह मंदिर देखने में भी काफी ज्यादा खूबसूरत लगता है।
कामाख्या मंदिर, असम
असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी के पास कामाख्या मंदिर स्थित है। माना जाता है कि मां सती की योनि यही गिरी थी, जहां कामाख्या मंदिर का निर्माण हुआ है। मां सती की योनि इसी मंदिर में सिल्क की साड़ी में लपेटकर फूलों से ढ़ककर रखी गई है। बता दें कि कामाख्या मंदिर को शक्ति का रूप माना जाता है और यहां आने वाले भक्तों की झोली कभी खाली रहती है। मतलब उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
चामुंडा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के बनेर नदी के किनारे स्थित चामुंडा देवी मंदिर का काफी महत्व है। यह मंदिर भारत के उन मंदिरों में से एक है, जहां भक्त अपनी मुराद लेकर जाते हैं और माता उनकी मुराद ज़रूर पूरी करती हैं। माना जाता है कि माता को प्रसन्न करने के लिए लोग यहां बलि भी देते हैं। मंदिर में हनुमान और भैरो की प्रतिमा भी स्थापित है और यहां एक तालाब भी है।
वैष्णव देवी मंदिर, जम्मू कश्मीर
हसीन वादियों में स्थित वैष्णव देवी मंदिर की महिमा लोगों से छिपी हुई नहीं है। यहां हर समय भक्तों की एक लंबी कतार देखने को मिलती है। यह मंदिर पूरे विश्व में प्रचलित है। माना जाता है कि इस मंदिर में हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। बता दें कि त्रिकूट पर्वत पर बसे, जम्मू से 61 किमी उत्तर की ओर और समुद्र तल से 1584 मीटर ऊंचे इस मंदिर की अपनी एक अलग धारणा है और यहां भैरो की प्रतिमा भी स्थापित है।