पीएम मोदी के ‘महा-बजट’ से डरा विपक्ष, चुनाव आयोग के सामने ‘गिड़गिड़ाया!
नई दिल्ली – पांच राज्यों में होने वाले 2017 के विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आम बजट को लेकर घमासान शुरू हो गया है। विपक्ष आम बजट को चुनाव के बाद पेश करने की मांग कर रहा है। विपक्ष की इस मांग का शिवसेना ने भी समर्थन किया है। कल यानि गुरुवार को आम बजट को चुनाव के बाद पेश करने कि शिफारिश लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, जेडीयू, आरएलडी के नेता चुनाव आयोग गए। विपक्ष को बजट को लेकर डर है कि इस बजट में पीएम मोदी देशवासियों के लिए ऐसी योजनाएं लाने वाले हैं जो आगामी विधानसभा चुनावों में विपक्ष को काफी भारी पड़ने वाला है। Opposition meets election commission.
‘बजट और चुनाव पास-पास हैं‘: विपक्ष को आपत्ति –
दरअसल, विपक्षी पार्टियां यह चाहती हैं कि बजट पेश करने कि तारीख आगे कर दी जाए। गौरतलब है कि 1 फरवरी को बजट की घोषणा होगी और 4 फरवरी से यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हैं यानि दोनों के बीच केवल 72 घंटों का अंतर है। विपक्ष चाहता है कि बजट चुनाव के परिणामों के बाद पेश हो, क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो सरकार लोक-लुभावन घोषणाओं से मतदाताओं को अपनी ओर आसानी से खींच सकती है।
जेटली ने विपक्ष को दिया जवाब, नहीं बदलेगा फैसला –
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बजट अपने तय समय पर ही पेश होगा। जेटली ने विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे नोटबंदी को जनता के लिए विपरीत फैसला बताते हैं, तो फिर वे इससे इतने डरे हुए क्यों हैं। वित्तमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि, ‘ये वे राजनीतिक दल हैं, जो कहते हैं कि नोटबंदी की लोकप्रियता बहुत ही कम है। तो फिर वे आम बजट से इतने डरे हुए क्यों हैं?’ गौरतलब है कि इस बार संसद का बजट सत्र समय से पहले बुलाया गया है। जिसे विपक्ष एक चुनावी रणनीति बता रहा है। आपको बता दें कि आमतौर पर बजट फरवरी के अंतिम दिन पेश किया जाता है, लेकिन इस बार 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।