जब बहुत ज्यादा क्रोध आए तो इंसान को सिर्फ ये एक काम कर लेना चाहिए, गुस्सा शांत हो जाएगा
पहले के समय में एक गांव में एक महिला रहती थी जो अपने गुस्से के चलते पूरे गांव में चर्चा में रहती थी। उसे बहुत ज्यादा गुस्सा आता था। जब वो क्रोध में आती तो ऐसी बातें बोल देती जिससे किसी को भी दुख पहुंच जाता यहां तक की गुस्सा जाहिर करते समय वो ये तक नहीं देखती की वो किससे बात कर रही है। उसकी बोली बात से पूरा परिवार परेशान रहता था। हालांकि जब उसका गुस्सा शांत हो जाता तो उसे पछतावा होने लगता। वो भी सोचती की कहीं इसका इलाज मिल जाता तो अच्छा रहता।
महिला ने ली संत से दवा
एक दिन गांव में एक संत आए। उनका बहुत नाम था। गांव के कई लोग उनके दर्शन के लिए आएं। महिला भी संत के पास पहुंची और कहा- ऋषि मुझे बहुत क्रोध आता है और इस क्रोध के कारण ही मेरा परिवार मुझसे दूर भागता है। रिश्तेदार मुझे अपने घर नहीं बुलाते पड़ोसी मुझसे दूर भागते हैं। मैं खुद को सुधार नहीं पा रही हूं। कोई ऐसा उपाया बताइए जिससे मेरा क्रोध शांत हो जाए।
संत ने कहा तुम्हारा इलाज बहुत आसानी से हो सकता है। उन्होंने अपने जेब से एक शीशी निकाल कर महिला को दी। संत ने कहा ये क्रोध शांत करने की दवा है। जैसे ही तुम्हें क्रोध आए तुम इसे मुंह से लगाकर पीना औऱ तब तक पीना जब तक तुम्हारा क्रोध शांत ना हो जाए। एक हफ्ते में तुम ठीक हो जाएगी।
इसलिए शांत हो गया क्रोध
महिला ने ठीक वैसा ही किया। वो अपने गुस्से पर काबू पाना चाहती थी। एक हफ्ते तक उसने दवा पी और एक हफ्ते में उसका क्रोध भी कम हो गया। उसने संत के पास जाकर आभार व्यक्त किया औऱ कहा गुरुजी आपकी चमत्कारी दवा से मेरा क्रोध शांत हो गया। मेरे घर परिवार में सबकुछ ठीक हो गया। मझे इस दवा का नाम बता दीजिए।आगे से कभी जरुरत पड़ी तो मैं फिर इसका इस्तेमाल कर लूंगी।
संत हंसे और कहा- देवी मैने तुम्हें कोई दवा नहीं दी। उस शीशी में सिर्फ पानी था और कोई दवा नहीं थी। क्रोध आने पर जब तम अपने मुख में पानी डालती थी तो कुछ बोल नहीं पाती थी औऱ धीरे धीरे तुम्हारा क्रोध शांत हो जाता है। मैंने क्रोध के वक्त इसे पीने के लिए इसी वजह से दिया था जिससे तुम अपनी वाणी पर काबू पा सको। अब जब भी तुम्हें क्रोध आए तो एक गिलास पानी पी लेना। तुम्हारा गुस्सा शांत हो जाएगा।
क्रोध आना मनुष्य का स्वभाव है, लेकिन हर दिन हर बात पर क्रोधित रहने , व्यक्ति घर समाज और परिवार से दूर होने लगता है। ऐसे में जब भी क्रोध आए तो खुद को शांत रख कर सोचना चाहिए की जो आप कह रहे हैं उससे सामने वाले को कितना असर पड़ता है। जब आप इस बारे में सोचेंगे तो आप अपने आप ही गुस्से को काबू कर लेंगे।
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