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13 अप्रैल को है श्रीराम नवमी, बन रहा है ये सर्वोत्तम योग, जानिए कैसे करें इस दिन कन्या पूजा

नवरात्र के नौ दिन काफी शुभ होता है और इन नौ दिनों के दौरान आप कोई भी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। इस बार के चैत्र नवरात्र काफी खास हैं क्योंकि इस बार राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र योग बना रहा है। जो कि काफी शुभ योग है क्योंकि पुष्य नक्षत्र के दौरान ही भगवान राम का जन्म हुआ था। हालांकि इस बार नौ दिनों की जगह आठ ही नवरात्र होने वाले हैं.

13 अप्रैल को है नवमी

इस बार अष्टमी और नवमी का पर्व एक साथ ही आ रहा है और चैत्र नवरात्र के आठवें दिन यानी शनिवार 13 अप्रैल को अष्टमी व नवमी का एक साथ मनाई जाएगी। दरअसल अष्टमी के दिन यानी 13 अप्रैल की सुबह से ही रामनवमी भी शुरू हो जाएगी। जिसके चलते इस बार अष्टमी और नवमी एक साथ मनाई जाएगी। 13 अप्रैल की सुबह 8.19 पर ही नवमी प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन सुबह 6.04 बजे तक चलेगी।

क्या करें रामनवमी के दिन

अष्टमी व नवमी के दिन आप सुबह ऊं श्रीं श्रीं क्लीं हूं मंत्र का जाप करें और फिर घर के मंदिर में रखे कलश को पानी में विसर्जित कर दें। कलश को विसर्जित करने के बाद आप देवी सूक्तम का पाठ भी करें और मां से प्रार्थन करें की अगर आप से कोई भूल नवरात्र को दौरान हुई है तो मां आपको क्षमा कर दें। इसके बाद आप कन्या पूजन करें।

कैसे करें कन्या पूजन

अष्टमी व नवमी के दिन कन्या का पूजन किया जाता है। कहा जाता है कि नवरात्र के दौरान की गई पूजा और व्रत रखने का फल तभी आपको प्राप्त होते है जब आप अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं और कन्या से आर्शीवाद लेते हैं। कन्या पूजा करने से पहले आप कन्याओं के पैरों को पानी से साफ करें हैं और फिर उनके माथे पर आप कुमकुम लगाकर उनके हाथों में कलावा बांध दें। इसके बाद आप उन्हें भोजन करवाएं और उनको चुन्नी और चूड़ियाँ पहनने को दें। कन्या की अच्छे से पूजा करने से और उन्हें खाना खिलाने से मां दुर्गा का आर्शीवाद आपको मिलता है और नवरात्र के दौरान की गई पूजा और रखे गए व्रत सफल हो जाते हैं।

कितनी होनी चाहिए कन्या की संख्या ?

कन्याओं की संख्या दो साल से लेकर 10 साल तक की होनी चाहिए और पूजन के दौरान कम से कम 9 कन्या जरूर होनी चाहिए। कन्या की संख्या 9 से भी अधिक हो सकती है। कन्याओं के साथ एक बालक भी होना चाहिए। इस बालक को  हनुमानजी का रूप माना जाता है। वहीं कन्याओं को भोजन करवाने के बाद ही आप अपने घर के लोगों को भोजन खाने को दें। अगर आप ने व्रत रखा है तो आप भोजन ना करें।

इस दिन कर सकते हैं कोई भी शुभ कार्य

13 अप्रेैल का दिन काफी शुभ है और अगर आप कोई नए कार्य की शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो आप इस दिन उस कार्य को कर सकते हैं। शादी की तारीख तय करना, भूमि खरीदना, भवन की नींव रखना, गृह प्रवेश करना और वाहन खरीदने जैसे आदि काम आप इस दिन बिना किसी डर के कर लें।

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