बेटे से अलग ना रहना पड़े इसलिए एक मां ने अपनी बहू की 6 महीने तक की सेवा, मगर ना बचा पाई अपना घर
मध्य प्रदेश में एक मां को अपने बेटे से अलग ना होना पड़े इसके लिए उसने छह महीने तक अपनी बहू की खूब सेवा की। लेकिन बहू की सेवा करने के बावजूद भी इस मां को अपने बेटे से अलग होना पड़ा। ये घटना मध्य प्रदेश के बड़वानी की है। बताया जा रहा कि बेटे की शादी होने के बाद बहू ने घर में आते ही अपनी सास को परेशान करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं बहू ने अपनी सास से अलग रहने के लिए अपने पिता पर दबाव भी डालना शुरू कर दिया। बहू की और से बेटे पर पड़ रहे इस दबाव को देखते हुए सास को लगा की अगर वो अपनी बहू के सारे काम करेगी तो शायद वो बेटे को लेकर अलग रहने का इरादा बदल दें। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और आखिर में ये मामला जिला मुख्यालय के परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच गया। जिसके बाद दोनों पक्षों को सुनकर अधिकारियों ने इनको अलग करने का फैसला सुना। बताया जा रहा कि शादी के बाद से ही बहू ने सास को परेशान करना शुरू कर दिया था और वो घर का कोई भी काम नहीं किया करती थी। बहू की इन हरकतों को नजरअंदाज करते हुए सास फिर भी उसकी सेवा में लगी रही। मगर फिर भी ये सास अपने घर को टूटने से बचा नहीं पाई।
इस वजह से बहू होना चाहती थी अलग
जिला मुख्यालय के परिवार परामर्श केंद्र में ये मामले आने के बाद जब इस मामले के हर पहलू को देखा गया तो पाया कि इस महिला ने साल 2015 में अपने बेटे की शादी करवाई थी और इनकी बहू उत्तराखंड के नैनीताल से है। शादी होने के बाद मध्य प्रदेश आने पर बहू का मन यहां नहीं लगा और बहू ने शहर में रहने की जिद करना शुरू कर दी। बहू की इस जिद को देख सास को लगा की अगर वो बहू की सेवा करेगी तो सब सही हो जाएगा। जिसके बाद सास ने बहू को छह महीने तक खाना बनाकर खिलाया। लेकिन इतने समय तक बहू की सेवा करने के बाद भी बहू नहीं मानी और ये मामला जिला मुख्यालय के परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंच गया।
लिया गया ये फैसला
जिला मुख्यालय के परिवार परामर्श केंद्र ने बहू, बेटे और सास को बुलाकर उनकी काउंसलिंग की और बहू को सास के साथ रहने के लिए समझाया। लेकिन फिर भी बहू नहीं मानी और उसने सास के साथ रहने से मना कर दिया। परिवार परामर्श केद्र प्रभारी रेखा यादव, काउंसलर अनिता चोयल और आशा डुडवे ने बहू की काउंसलिंग करने का बाद पाया कि बहू गांव में रहना नहीं चाहती है और उसको यहा का वातावरण पसंद नहीं आया है। बहू के मुताबिक वो शहर में अपने पति के साथ रहना चाहती है। बहू के ना माने पर आखिरकार सास को बहू की बात मानी पड़ी और एक मां को अपने बेटे से अलग रहने पर मजबूर होना पड़ा। सास ने लिखित में अलग होने का फैसला दिया है।