सिलाई-कढ़ाई कर गुजारा करने वाले माँ-बाप के 2 बेटे एक साथ बने IAS, भावुक कर देगी संघर्ष की कहानी
इंसान की जिंदगी में कामयाबी बहुत जरूरी होती है जिसे पाने के लिए कुछ इंसान सही रास्ता को कुछ गलत रास्ता चुनते हैं लेकिन सच्चे दिल से और सही डायरेक्शन में की गई मेहनत जरूर रंग लाती है. ऐसा ही एक ही घर के दो लड़कों ने पूरा कर दिखाया है जिन्हें IAS ऑफिसर बनाने का सपना माता-पिता ने देखा और उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति को कभी आड़े नहीं आने दिया फिर जब उन्हें उसका रिजल्ट मिला तो माता-पिता की खुशी का एहसास क्या होगा ये वो ही समझ सकते हैं. जब एक ही घर के दो बेटे यानी दो भाईयों ने सिविल सर्विसेज में बेहतरीन सफलता हासिल की तो उस मां की खुशी का ठिकाना नहीं होगा जो रात में इनके पढ़ने के समय जगी रहती थी. सिलाई-कढ़ाई कर गुजारा करने वाले माँ-बाप के 2 बेटे एक साथ बने IAS, इनके इस संघर्ष में माता-पिता दोनों ने खूब साथ दिया.
सिलाई-कढ़ाई कर गुजारा करने वाले माँ-बाप के 2 बेटे एक साथ बने IAS
राजस्थान के झूंझुनूं शहर के मोदी रोड के पास रहने वाले सुभाष कुमावत और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी के दिल को आज बहुत सुकून नसीब हुआ है. उनकी आंखों में एक गहराई सी है जो खुशियों में इतनी भरी रहती है कि खुशी के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे. घर में बधाईयों का सिलसिला लगा है और वे सबसे बड़ी विनम्रता के साथ मिल रहे है. सुभाष सिलाई का काम करते हैं और राजेश्वरी बंधेज बांधने का काम करती है और उनके तीन बेटों में से दो सिविल सर्विसेज में सिलेक्ट हो गए हैं. शुक्रवार को यूपीएसससी की ओर से घोषित हुए परिणाम में उनके बड़े बेटे पंकज कुमावत ने 443वीं और अमित कुमावत ने 600वीं रैंक हासिल किया है और परिवार में आज तक किसी को सरकारी नौकरी नहीं प्राप्त थी लेकिन इन्होंने अपने खानदान की इस विडम्बना को तोड़ दिया. पंकज कुमावत ने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल में बीटेक किया है और कुछ समय से नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहा था.
वहीं छोटे भाई अमित को भी अपने साथ उसी जगह काम करवाता था उसने भी आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया है. दोनों भाई दिल्ल में पढ़ाई करते रहे और दोनों का एक ही सपना था कि वे देश की इस सबसे बड़ी परीक्षा में सफल हो जाएं. माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए दोनों ने दिन रात मेहनत की.
‘अमित और पंकज को पढ़ाना आसान नहीं था’
पंकद और अमित ने बताया, हम जानते हैं कि हमें माता-पिता ने किस तरह से पढ़ाया है. हमारे लिए पढ़ाई करना तो आसान था लेकिन उनके लिए पढ़ाना बहुत ज्यादा मुश्किल होता था. उन्होंने हमेशा हमारी फीस, कपड़े, किताबों और दूसरी सभी चीजों का पूरा इंतजाम रखा और कभी हमें एहसास नहीं होने दिया कि हमारे पास पैसे नहीं है. हम तार भाई बहनों को पढ़ाने के लिए मम्मी-पापा ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है. घर पर रातभर जागकर पापा सिलाई और मां तुरपाई करती थी तब जाकर हमारे लिए रुपये इकट्टा हो पाते थे. वे हमेशा कहते थे कि तुम लोगों को पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनाना है.’ पंकज ने बताया कि अगर आपके मन में कुछ बनने की इच्छा है तो कमियों, परेशानियों और नकारात्मक चीजों को कभी उसके सामने नहीं आने देना चाहिए.