मिश्री मिलाकर सूर्य को चढ़ाएं जल और बोल दें ये मंत्र, दूर हो जाएगी जीवन की हर परेशानी
सूर्य देव हमारे जीवन को ऊर्जा प्रदान करते हैं और सूर्य देव की कृपा से कुंडली में मौजूद कई सारे दोष दूर हो जाते हैं। सूर्य देव को प्रसन्न करना और इनका आशीर्वाद पाना काफी सरल है। मात्रा रोज सूर्य देव को जल अर्पित करने से कोई भी इन्हें खुश कर सकता है। हालांकि सूर्य भगवान को अगर सही तरह से अर्घ्य दी जाए तभी आपको सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। कई लोग गलत तरह से सूर्य देव को अर्घ्य दे देते हैं। जिसकी वजह से लोगों को अर्घ्य देने का कोई भी लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए सही तरह से ही सूर्य देव को अर्घ्य देने पर ही आपको फायदे होते है।
सूर्य देव को अर्घ्य देने के फायदे
जिन लोगों की कुंड़ली में ग्रह दोष होता या मंगल दोष होता है उन लोगों को सूर्य देव को अर्घ्य देने से लाभ मिलता है। सूर्य देव को अर्घ्य देने से परिवार में खुशियां आती हैं और हर तकलीफें दूर हो जाती हैं। इसलिए आप रोज सूर्य देव को अर्घ्य दिया करें। वहीं अगर आप अर्घ्य के पानी में थोड़ी सी मिश्री मिला देते हैं तो अर्घ्य देने का अधिक लाभ आपको मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर मीठा जल सूर्य भगवान को चढ़ाया जाए तो जन्मकुंडली से मंगल दोष खत्म हो जाता है।
इस तरह से दें सूर्यदेव को अर्घ्य, दूर हो जाएगा मंगल दोष
सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले आप स्नान कर लें और अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिला लें। नहाने के बाद आप साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद आप अपने पूजा घर में पूजा करें ले और पूजा करने के बाद आप एक तांबे के लोटे में साफ पानी भर लें। इस पानी में आप थोड़े से चावल, फूल और मिश्री या चीनी के कुछ दाने डाल लें। फिर आप सूर्य देव को देखते हुए इस पानी से उन्हें अर्घ्य दे दें। अर्घ्य देने के दौरान आप नीचे बताए गए दो मंत्रों में से किन्हीं एक मंत्र, सूर्य अर्घ्य मंत्र और सूर्य ध्यान मंत्र का जाप जरूर करें। अर्घ्य देते समय इन मंत्रों को बोलने से आपको अधिक लाभ मिलेगा।
ये है सूर्य अर्घ्य मंत्र-
ऊँ ऐही सूर्य देव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:।अर्घ्य समर्पयामि।।
ये है सूर्य ध्यान मंत्र
ध्येय सदा सविष्तृ मंडल मध्यवर्ती।नारायण: सर सिंजासन सन्नि: विष्ठ:।।केयूरवान्मकर कुण्डलवान किरीटी।हारी हिरण्यमय वपुधृत शंख चक्र।।जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाधुतिम।तमोहरि सर्वपापध्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम।।सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयते।
ऊपर बताए गए मंत्रों का जाप करने से आपका मंगल दोष एकदम दूर हो जाएगा और आपके जीवन में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी। आप रोज 8 बजे से पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें।
रखें इन बातों का ध्यान
केवल तांबे के पात्र यानी लोटे से ही आप सूर्य को अर्घ्य दें और जल चढ़ाते समय अपने दोनों हाथों से लोटे को पकड़ें। अर्घ्य देते समय आप मुंह को पूर्व दिशा की ओर ही रखें और अर्घ्य के दौरान जो पानी नीचे गिरे उसमें सूर्य की किरणों को जरूर देखें।