जैसा व्यवहार हमें दूसरों के साथ करेंगे वैसा ही व्यवहार सामने वाला भी हमारे साथ करेगा
एक शहर में एक परिवार रहता था। उस परिवार में सास बहू की बिल्कुल नहीं बनती थी। हर घर में सास बहू को लेकर थोड़ी बहुत अनबन होती है, लेकिन इस परिवार में सास-बहू की बिल्कुल भी नहीं बनती थी। बहू की अपनी सास की आदतों पर गुस्सा आता था तो सास को अपनी बहू के काम में हमेशा कमी लगती थी। हर छोटी मोटी बात पर दोनों की अक्सर लड़ाई हो जाती। दोनों के लिए एक भी दिन ऐसा नहीं जाता था जब उनकी लड़ाई ना होती है।
बहू ने सास के लिए जहर लिया
एक दिन बहू ने फैसला किया की अब वो अपनी सास की कोई भी हरकत बर्दाश्त नहीं करेगी। बहू के पिता के एक दोस्त बहुत अच्छे वैद्य थे। बहू ने उनसे अपनी सारी समस्या बताई और इसका समाधान मांगा। वैद्य ने बहू को एक जड़ी बूटी का पैकेज दिया और कहा कि ये दवाई एक धीमा जहर है। रोज अपनी सास के लिए उनकी मन पसंद का खाना बनाना और थोड़ी थोड़ी मात्रा में इस बूटी को खाना में डालती रहना। हमेशा प्यार से बात करते हुए अपनी सासू मां को खाना खिलाना ताकी किसी तरह का कोई शक ना हो।
आगे वैद्य ने कहा कि लगभग 6 महीने तक अपनी सास को ऐसे ही मन से खाना खिलाना और प्यार भरी बातों में फंसाए रखना तुम्हारा काम हो जाएगा। बहू को ये तरकीब पसंद आई। उसने मन ही मन सोचा सिर्फ 6 महीन की तो बात है कितनी समस्या होगी। 6 महीने तक सास से अच्छे से बात करनी होगी और मनपसंद खाना खिलाना होगा ताकी उन्हें किसी बात का कोई शक ना हो। सास की आज्ञा का पालन भी कर लूंगी ताकी जाते जाते कोई मनमुटाव ना रखे।
बहू ने अगले ही दिन से सास से झगड़ा करना बंद कर दिया। सास से प्यार से बात करने लगी। अपने हाथ से पका कर अच्छा खाना सास को खिलाती। सास को पहले तो सबकुछ अजीब लगा, लेकिन फिर अपनी बहू की तरफ से मिलने वाले आदर सत्कार पर उन्होंने खशी जताई। वो भी अपने बहू से प्यार से बात करने लगी। अब दोनों सास बहू में किसी भी बात की लड़ाई नहीं होती थी।
वैद्य ने बताया कहां था जहर
पूरे घर परिवार में दोनों सास बहू के ना लड़ने से परेशानी खत्म होने लगी। घर में खुशी का माहौल छाने लगा। धीरे धीरे सास और बहू दोनों को अपनी गलती का एहसास होने लगा है। बहू ने अपनी सास से रोते हुए कहा- मां मुझे माफ कर दीजिए, आप मेरे पति की मां है और मेरी सास है, लेकिन मैंने आपको इतनी तकलीफ दी है। सास को भी बहू को रोता देख रोना आ गया। सास ने कहा बहू मेरे से भी गलतियां बहुत हुई है। मैंने भी तुम्हारे साथ बहुत गलत किया है। इस पर बहू ने कहा- किंतु मेरी गलती के कारण आज आपकी जान जाने वाली है।
वैद्य ये सारी बातें सुन कर कहा कि मैने तुम्हें कोई अलग जड़ी बूटी नहीं दी थी बल्कि उसमें शक्तिवर्धक चीजें थीं। जहर तो बस तुम दोनों के मन में था और समय के साथ अब वो भी दूर हो गया। हमें दूसरों के साथ जैसा व्यवहार करेंगे ऐसा ही व्यवहार हमें अपने लिए मिलेगा। इस वजह से हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
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