आलिया भट्ट के पापा के साथ लिव इन में रहती थीं परवीन बाबी, एक रात इस हाल में देख रह गए थे शॉक्ड
बॉलीवुड में कुछ ऐसे लोग हैं जिनका जीवन एक रहस्य बनकर रह गया और उनकी लाइफ में बहुत से उतार-चढ़ाव आए लेकिन कुछ हासिल नहीं हो पाया. कुछ ऐसी एक्ट्रेसेस भी हैं जिनकी अब मौत हो चुकी है लेकिन उनकी मौत एक रहस्य बनकर रह गई जिसके बारे में कुछ भी पता नहीं लग पाया.उन्हीं एक्टेरेसेस में से एक थीं परवीन बॉबी जिन्होंने 70 और 80 के दशक में एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया यहां तक की आलिया भट्ट के पापा के साथ लिव इन में रहती थीं परवीन बाबी,मगर उनकी मौत कुछ ऐसी हुई जिसके बारे में आजतक नहीं पता चल पाया.
आलिया भट्ट के पापा के साथ लिव इन में रहती थीं परवीन बाबी
70 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस परवीन बाबी ने 15 साल पहले दुनिया को अलविदा कह दिया था. इन्होने अपने करियर में कई बेहतरन फिल्मों में काम भी किया और यहां तक की अक्सर अपने ग्लैमरस अंदाज या कपड़ों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती थीं. उन्होने पहले स्लीवलेस ब्लाउज का चलन महिलाओं में चलाया और फिर कभी तंग सूट में भी नजर आ जाती थीं.परवीन बाबी ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी ऐसी छाप छोड़ी है जिसे कोई भर नहीं सकता. 80 के दशक में सबसे महंगी एक्ट्रेसेस में इनका नाम दूसरी लिस्ट पर हुआ करता था. परवीन बाबी के जीवन में कई आशिक रहे जिनमें से महेश भट्ट का नाम भी आता है. इससे पहले परवीन बाबी का रिश्ता कबीर बेदी के साथ जुड़ने की खबरें आती रहीं. कबीर से ब्रेकअप के बाद ही उनके जीवन में महेश भट्ट आए, उस समय वे शादीशुदा थे फिर भी उन्होंने परवीन से रिश्ता रखा. साल 1977 में दोनों का प्यार खूब सुर्खियों में रहा और महेश ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया फिर परवीन के साथ रहने लगे थे. उन दिनों परवीन फिल्म अमर-अकबर-एंथोनी और काला पत्थर की शूटिंग कर रही थीं और खबरें थीं कि परवीन शूटिंग पर अक्सर लेट आती थीं क्योंकि वे महेश भट्ट के साथ समय बिताती थीं.
महेश भट्ट के लिए परवीन एक साधारण लड़की की तरह रहती थी और इन्हें साथ रहते दो साल हो गए थे. साल 1973 में महेश भट्ट को अचानक एक सच्चाई पता चला जिससे उनके होश उड़ गए थे. महेश भट्ट एक दिन घर लौटे तो देखा कि परवीन फिल्म का कॉस्ट्यूम पहने हाथ में चाकू लिए घर के कोने में बैठी थीं, फिर परवीन ने महेश से चुप रहने का इशारा किया. फिर परवीन ने कहा कि बात मत करो कमरे में कोई है जो मुझे मारने आया है. परवीन का ऐसा हाल देखकर महेश बुरी तरह हिल गए और इस घटना के बाद परवीन अक्सर ऐसा करने लगी थीं. डॉक्टर्स को दिखाने पर पता चला कि उन्हें सिजोफ्रेनिया नाम की एक बीमारी है और उस दौरान परवीन कई फिल्में कर रही थीं.
सभी फिल्ममेकर्स चाहते थे कि परवीन जल्दी ही ठीक हो जाएं और महेश भट्ट ने एक से बढ़कर एक डॉक्टर को उन्हें दिखाया. मगर डॉक्टर्स का कहना था कि उन्हें ठीक करने के लिए इलेक्ट्रिक शॉक देने होंगे और महेश भट्ट इसके खिलाफ थे. वे किसी कीमत पर परवीन के साथ ऐसा नहीं होने देना चाहते थे और फिर इस दौरान परवीन के एक्स ब्वॉयफ्रेंड कबीर बेदी और डैनी ने उनकी मदद की. बहुत सारे इलाज कराने के बाद भी उनकी बीमारी ठीक नहीं हो रही थी.परवीन के मन में एक डर था कि कोई उन्हें मारना चाहता है और कुछ समय बाद परवीन को लगा कि उनकी कार में बम रखा है जिससे वे आवाजों से भी डरने लगीं.उन्हें लगता था कि सभी उन्हें मारना चाहते हैं और फिर उन्हें मीडिया से दूर रखा जाने लगा.
परवीन को देना पड़ा था इलेक्ट्रिक शॉक
घर पर रहने से परवीन का वजन बढ़ा और उनकी खूबसूरती भी खो गई. फिर डॉक्टर्स के पास इलेक्ट्रिक शॉक देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था लेकिन महेश भट्ट नहीं चाहते थे ऐसा. उस दौरान महेश भट्ट पर आरोप लगे कि वे परवीन को ठीक नहीं करवाना चाहते और अपने मतलब के लिए उन्होंने उनका इस्तेमाल किया है. परवीन की हालत बहुत नाजुक थी और उन्होंने दवाईयां खानी भी छोड़ दी थी.उन्हें लगता था कि वो जहर है और फिर महेश से कहती थीं कि पहले वो दवा खाएं फिर वो खाएंगी इस वजह से महेश को भी दवा खानी पड़ती थी जिसकी वजह से वे टूट गए थे.
फिर डॉक्टर्स का कहना था कि महेश के चलते परवीन की हालत ठीक नहीं हो सकती इसलिए उन्हें दूर किया गया. उस दौरान महेश वापस अपने घर लौट आए थे लेकिन उस दौरान वे बहुत अकेले रहने लगे थे और इसी दौरान उन्होंने फिल्म अर्थ की कहानी लिखी जो उनके जीवन की सच्चाई थी. इलाज पूरा होने पर परवीन वापस आ गई थीं और महेश अपनी पत्नी के वापस लौट चुके थे लेकिन वे फिर परवीन के पास आए.फिर परवीन ने महेश से कहा कि वे डॉक्टर या परवीन में से किसी एक को चुनें और महेश के लिए उनका ठीक होना जरूरी था इसिलए वे उनकी जिंदगी से चले गए. उस दौरान परवीन रात के अंधेरे में महेश को रोकने के लिए दौड़ पड़ी थीं लेकिन वो नहीं रुके, आखिर साल 2005 में परवीन का शव मंबई के एक फ्लैट में मिला था.