बिना तोड़-फोड़ के दूर करें घर का वास्तुदोष, इस स्थान पर लगाएं स्वास्तिक और त्रिशूल
घर बनाना किसी भी व्यक्ति के लिए एक बहुत ही बड़ा सपना होता है, घर बनाने से पहले से लेकर उसके निर्माण होने तक और उसमे प्रवेश कर जाने तक उस इंसान के मन में बहुत सारी बातें चलती रहती है और अंदर से एक अलग ही खुशी होती है की उसने अपना खुद का घर बना लिया है और अब वो अपने परिवार के साथ खुद के घर में रहेगा। अपने छोटे से भी घर का सुख जो होता है वो कोई भी आलीशान घर नहीं दे सकता। लेकिन अगर नए नए घर में प्रवेश करने के कुछ ही समय बाद अगर आपके साथ रह रह कर कई तरह की समस्याएँ आने लगे, घर में अनबन होने लगे, धन की कमी होने लगे या कई तरह की परेशानियाँ आने लगे जिनसे आप पहले कभी रूबरू नहीं हुए थे तो इसकी क्या वजह हो सकती है, निश्चित रूप से वस्तु दोष। जी हाँ वास्तुदोष, अगर आपने अपने गृह निर्माण के वक़्त वास्तु का उचित ध्यान नहीं दिया है और वस्तु के अनुरूप घर का निर्माण नहीं कराया है तो आपके नए घर में आपको सुख से ज्यादा परेशानियाँ ही मिलेंगी।
कैसे पाएँ वास्तुदोष से छुटकारा
बताते चलें की कई बार ऐसा हो जाया करता है की ज़्यादातर लोग अनजाने में ऐसा निर्माण कार्य करा देते है, जिससे उसमें वास्तु त्रुटियां रह जाती है और फिर उन्हे आए दिन वास्तु दोष से पीडि़त होना पड़ता है। अगर इस तरह की समस्या से आप भी पीड़ित हैं तो आपको बता दें की आप अपने मकान में बिना तोड़-फोड़ किये कुछ ऐसे उपाय कर सकते हैं जिससे आपके घर में वास्तु दोषों का प्रभाव काफी हद तक कम पड़ जायेगा। तो चलिये जानते हैं कौन कौन से हैं वो उपाय।
उत्तर-पश्चिम कोण में हो मुख्य द्वार तो करें यह उपाय
सबसे पहले तो बता दें की अगर आपका मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम कोण में है तो ऐसी स्थिति में आप आपे घर के दरवाज के दोनों तरफ ऊं, स्वास्तिक, एवं त्रिशूल लगा लें और इसके अलावा दरवाजे के बाहर पिरामिड लगाएं, इससे वास्तु दोष दूर होता है।
यदि रसोई घर है उत्तर-पूर्व में
बताते चलें की अगर आपके घर में रसोई उत्तर-पूर्व की दिशा में है तो यह वास्तु के अनुसार उचित नहीं है ऐसे में इस दोष को ठीक करने के लिए आप अपने रसोईघर के बाहर या फिर ऊपर की दिशा में दीवार पर 18 गुणा 18 का समतल दर्पण लगा लीजिये और इसके साथ ही साथ उत्तर-पूर्व कोण में एक पिरामिड भी रख सकते हैं।
बाथरूम का उत्तर-पूर्व में होना माना जाता है दोषपूर्ण
आपकी जानकरी के लिए बता दें की घर में बने बाथरूम की दिशा उत्तर-पूर्व में नहीं होनी चाहिए क्योंकि इस दिशा में देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए आपको चाहिए की आप अपने बाथरूम में कटोरी में भरकर समुद्री नमक रखें और इसे हर 15 से 20 दिन के अंतराल पर बदलते रहें। इसके अलावा आप बाथरूम के बाहर उत्तरी या पूर्वी दीवार पर समतल दर्पण लगा सकते हैं, इससे आपके घर का वस्तु दोष दूर होगा।