जानें क्यों पूजा या मंगलकार्य के वक्त जलाते हैं दीपक, क्या है अलग अलग दीपक जलाने के महत्व
चैत्र का महीना शुरु हो गया है और इसी चैत्र महीने में नवरात्री की शुरुआत होने वाली है। 9 दिन तक मां दुर्गा के अलग अलग स्वरुपों की पूजा होती है। ऐसे में हर दिन मां के एक रुप के आगे दीपक जलाया जाता है। ऐसे में आपको दीपक की महिमा जानना जरुरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि दीपक अलग अलग तरह के होते हैं और हर दीपक का अलग महत्व होता है। आपको शायद इस बात की जानकारी नहीं होगी, लेकिन किसी भी देवी देवता के सामनें दीपक जलाने का अलग अलग मतलब होगा है। आपको बताते हैं कि किस काम के लिए कैसा दीपक जलाना शुभ होता है।
क्यों जलाए जाते हैं दीपक
भारतीय परंपरा के अनुसार दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हमारे सामने प्रकाश के रुप में हैं और दीपक उजाले और ज्ञानता का प्रतीक है। इसी वजह से किसी भी शुभ काम को करने से पहले या किसी भी देवी देवता का पूजा पाठ शुरु करने से पहले ईंश्वर के आगे हम दीप जलाते हैं। दीपक जलाने का मतलब होता है कि ज्योति के रुप में देवी देवता वहां पर मौजूद हैं ताकी हम उनकी पूजा कर सकें।
हम जब भी घर में पूजा करते हैं तो तिल का तेल या फिर देसी घी से दीपक जलाना चाहिए। हालांकि सरसों के तेल से कभी भी दीपक नही जलाना चाहिए, लेकिन दीवाली के मौके पर सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। इसके अलावा सरसों के तेल का दीपक का प्रयोग शनि देव के लिए शनिवार के दिन होता है, वह भी घर के बाहर ही किसी शनि मंदिर या पीपल के नीचे जलाया जाता है।
चौ मुखी दीपक जलाने का महत्व
अब एक मुखी दीपक हर पूजा विधान में जला सकते हैं। दूसरा दो मुखी दीपक होता है। ऐसा दीपक तभी जलाया जाता है जब शत्रु परेशान कर रहे हों और इससे विरोधी शांत हो जाते हैं। माना जाता है कि ऐसा जलाने से शत्रु और विरोधी शांत हो जाते हैं। साथ ही तीन मुखी दीपक भी कई बार जलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि लगातार तीन माह तक इसे जलाने से संतान से जुड़ी कोई भी समस्या दूर हो जाती है।
एक दो और तीन के अलावा एक चार मुखी यानी की चार मुंह वाला दीपक घी की बाती में रोज शाम को माता लक्ष्मी के सामने जलाया जाए तो धन से संबंधित परेशानी दूर हो जाती है। इस दीपक को भी जलाया जा सकता है।
लौ की दिशा का भी है महत्व
दीपक की लौ किस दिशा में होना चाहिए इसके लिए वैसे तो वास्तु शास्त्र में काफी सारे नियम है, लेकिन ये इस पर भी निर्भर करता है आप किस देवता की पूजा कर रहे हैं और उसका वास कौनसी दिशा में हैं। सूर्योदय के पहली किरण को आशा की किरण कहा जाता है ऐसे में पूर्व दिशा में अगर आपकी दीपक की लौ रखें तो इससे आयु में वृद्धि होती है।अगर आपको व्यवसाय में लाभ, वेतन में वृद्धि के लिए उत्तर दिशा में दीपक जलाएं। ये धन वृद्धि के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है।
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