अगरबत्ती के धुंए से हो सकती है ये जानलेवा बीमारी, शोध में हुआ खुलासा
न्यूज़ट्रेंड एंटरटेनमेंट डेस्क: हिंदू धर्म में भगवान की पूजा के लिए विशेष तरह की तैयारी होती है। भक्तगढ़ पूरी श्रृद्धा और भक्ति के साथ भगवान की विधिवत पूजा करते हैं। देश के हर घर में पूजा-पाठ होती है, जिसके लिए विशेष सामग्री भी होती हैं। बता दें कि भगवान की पूजा के लिए पुष्प, कपूर, अगरबत्ती और फल जैसे अनेक पूजा सामग्री इकठ्ठा करते है, जो पूजा करने के दौरान प्रयोग में लाई जाती है।
लेकिन क्या आपको पता है कि पूजा में प्रयोग की जाने वालीं ये सामग्री का प्रयोग करने से पहले आपको शतर्क होना चाहिए? नहीं ना… क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार पूजा में प्रयोग की जाने वाली कुछ वस्तुओं का प्रयोग स्वास्थय के लिए अच्छा नहीं होता है। जी हां. आपको सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन ये बिल्कुल सच है। हम जो आपको बात बताने जा रहे हैं उसे जानकर आप हैरान जरूर होंगे कि क्योंकि हम जिन चीजों के बारे में आपको बताएंगे वो हर पूजा के दौरान पाई जाती है। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है वो चीज जो आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं।
आप अपने पूजा के स्थान पर मनमोहक अगरबत्तियों का प्रयोग तो करते ही होंगे। अगरबत्तियों को जलाने से चारों तरफ फैलने वाली खुशबू सभी को खूब अच्छी लगती है। इसका प्रयोग हर पूजा में किया जाता हैं, लेकिव हाल ही में हुई एक रिसर्च के दौरान ये बात सामने आई है कि अगरबत्ती आपके स्वास्थय के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। जी हां, चाइना में हुई रिसर्च एक रिसर्च के अनुसार अगरबत्ती का धुंआ गाड़ियों व सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा खतरनाक होता है।
बता दें कि इस रिसर्च में सामनें आया है कि अगरबत्ती के धुएं से दिल की बीमारियों, फेफड़ों से जुड़े गंभीर रोग हो सकते हैं। रिसर्च के अनुसार जब अगरबत्ती को जलाया जाता है तो उसमें से छोटे-छोटे बारीक कण निकलते हैं, जो हवा में घुल जाते हैं। बता दें कि ये कण इतने जहरीले होते हैं कि ये शरीक की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इस शोध में यह भी पता लगाया कि अगरबत्ती के धुएं में म्युटाजेनिक, जीनोटॉक्सिक और साइटोटॉक्सिक नामक तीन तरह के विषैले तत्व पाये जाते हैं, जिनके कारण से कैंसर भी हो सकता है।
जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर्स
वहीं डॉक्टरों से जब इस शोध को बताने के बाद पूछा गया तो उन्होंने इस बात से सरोकार किया कि जब अगरबत्ती का धुंआ हमारे शरीर के अंदर जाता है तो इस धुंए का हमारे डीएनए पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। डॉक्टरों मे बताया कि इसका धुंआ हमारे फेफड़ों में पहुंचकर उनमें जलन, उत्तेजना और रिएक्शन पैदा कर सकता है। बता दें कि अगरबत्ती के धुंए में 64% कम्पाउंड मौजूद होते हैं, जिसके कारण सांस के रास्ते में खुजली औक जलन जैसी परेशानियां हो सकती हैं। बता दें कि अगरबत्ती को सुगंधित करने के लिए उसमें जो तत्व मिलाए जाते हैं वो और ज्यादा हानिकारक होते हैं। इसलिए यदि आप भी अपने घर में अगरबत्तियों का प्रयोग ज्यादा करती हैं तो इसको कम कर दें।