Health

आप स्नैक खाते हुए देखते हैं टीवी तो हो जाएं सावधान, आप हो सकते हैं मेटाबोलिक सिंड्रोम के शिकार

अगर आपको घंटों तक टीवी देखने की, वीडियो गेम्स खेलने की और स्नैक्स खाने की आदत है तो आप सावधान हो जाएं। क्योंकि अधिक टीवी और कंप्यूटर या वीडियो गेम्स खेलने से आपको हृदय रोग और डायबिटीज हो सकती है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन किया है और उस अध्ययन में पाया गया है कि अगर 18 साल से कम आयु के बच्चे टीवी देखने के दौरान अधिक स्नैक्स का सेवन करते हैं तो उन्हें हृदय रोग और डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है और वो मेटाबोलिक सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं।

क्या होता है मेटाबॉलिक सिंड्रोम

मेटाबॉलिक सिंड्रोम किसी बीमारी का नाम नहीं हैं बल्कि ये कई सारी खतरनाक बीमारियों के होने का कारक होता है। ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ना आदि को मिलाकर मेटाबॉलिक सिंड्रोम बनता हैं। जो लोग टीवी देखते हुए खूब सारे स्नैक्स खाते हैं उनको मेटाबॉलिक सिंड्रोम यानी ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और कोलेस्‍ट्रॉल की बीमारी हो सकती है। अगर इसे और आसान शब्दों में समझा जाए तो इस सिंड्रोम के तहत एक साथ कई सारी बीमारी हो जाती हैं।मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्‍यों विकसित होता है इसके बारे मे अभी तक कोई सटीक वजह पता नहीं चल सकी है।

30 हजार से अधिक बच्चों पर किया गया शोध

ब्राजील की यूनिवर्सिटी फेडरल डो रियो ग्रांड डो सुल द्वारा मेटाबॉलिक सिंड्रोम पर ये अध्ययन किया गया है और इस अध्ययन को  33,900 किशोरों पर किया गया है। जिनकी आयु  12 से 17 साल के बीच की है। जिसके बाद शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अगर इस आयु के बच्चे टीवी देखते हुए अधिक स्नैक्स खाते हैं तो उनको मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो सकता है। हालांकि इस अध्ययन को करने वाले शोधकर्ताओं के अनुसार अगर टीवी और वीडियो गेम्स खेलते हुए अधिक स्नैक्स ना खाए जाएं या फिर इनको खाने की मात्रा में नियंत्रण रखा जाए तो मेटाबोलिक सिंड्रोम से बचा भी जा सकता है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और नेशनल हार्ट, लंग और ब्‍लड इंस्‍टीट्यूट के मुताबकि  मेटाबॉलिक सिंड्रोम बढ़ाने के जो मुख्य कारण होते हैं जो कि इस प्रकार है-

कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा हो अधिक

जिन लोगों के खून में बैड कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा 150 मिग्रा/डेलि के आसपास की होती है और जो लोग बैड कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रण में रखने के लिए दवा का सेवन करते हैं उनको मेटाबॉलिक सिंड्रोम  होने का सबसे अधिक खतरा होता है। इसके अलावा जिन पुरुषों के खून में गुड कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर 40 मिग्रा/डेलि होता है और जिन महिला में इसका स्तर 50 मिग्रा/डेलि पाया जाता है उनको भी  मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो सकता है। इसलिए ये जरूरी है कि आपके खून में बैड कोलेस्‍ट्रॉल और गुड कोलेस्‍ट्रॉल की कितनी मात्र है ये आपको पता और समय समय पर चेकअप करवाते हैं और अपने शरीर की रक्षा मेटाबॉलिक सिंड्रोम से करें।

सामान्‍य स्‍तर से अधिक उच्‍च रक्‍तचाप होना

अगर हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्‍च रक्‍तचाप 120/80 से अधिक होता है तो आप  मेटाबॉलिक सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं। इसलिए आप अपना ध्यान ज्यादा रखें और टीवी देखते समय अधिक जंक फूड ना खाएं। इसी तरह से आपके खून में रक्‍त में शर्करा का स्तर  100 से अधिक निकलता है या 100 के आसपास है तो आप सावधान हो जाएं। शुगर की अधिक मात्रा होना मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ा देता है और आपको अन्य घातक बीमारियां लग सकती हैं।

कमर का साइज अधिक होना

अगर आपकी कमर का साइज अधिक होता है तो आपको मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार जिन पुरुषों की कमर का साइज  40 इंच से अधिक होता है और जिन महिलाओं की कमर का साइज 35 इंच से अधिक होता है उन्‍हें ये सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है।  इसी तरह से अधिक वजन होना और हॉर्मोन का असंतुलन होना भी मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने की और इशारा करता है।

इस तरह से मेटाबोलिक सिंड्रोम को होने से रोके

मेटाबॉलिक सिंड्रोम से खुद की रक्षा करने के लिए आप एक हेल्दी जीवन जीएं और अधिक समय एक जगह पर ना बैठें। शरीर के अंदर चुस्ती लाए और जंक फूड का अधिक सेवन करने से बचें। साथ में ही अधिक देर तक टीवी के सामने बैठते हुए स्नैक्स का बिलकुल भी सेवन ना करें। रोज आप योगा या एक्सरसाइज जरूर करें।

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