खांसी के अलावा ये 10 लक्षण भी देते हैं टीबी का संकेत, जानिए क्या है इसका घरेलू इलाज?
ट्यूबरकुलोलिस यानि टीबी ‘मायकोइक्टीरियम ट्यूबरकुलोलिस’ नामक बैक्टीरिया से होने वाली एक ऐसी बीमारी है, जोकि आसानी से फैल सकती है। माना जाता है कि टीबी हवा के माध्यम से भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बड़ी ही आसानी से फैल सकती है, लेकिन ऐसा सिर्फ फेफड़ो से संबंधित टीबी में होता है। दरअसल, टीबी के कई प्रकार होते हैं, जिसमें फेफड़े, ब्रेन, यूट्रेस या बोन टीबी आदि शामिल हैं, जिसमें से फेफेड़े से संबंधित टीबी के फैलने का खतरा बहुत ही ज्यादा होता है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
भारत में तेज़ी से फैल रहा है टीबी
ताजा मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति 1 लाख लोगों में 211 नए इंफेक्शन के मामले सामने आते हैं। इतना ही नहीं, इस रोग से भारत में 42.3 लाख लोगों की मौत का भी मामला सामने आया है। यह रिपोर्ट साफ साफ जाहिर करता है कि भारत में टीबी के मामले अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा है और इसका सबसे बड़ा कारण जागरुक न होना भी माना जा रहा है। आमतौर पर लोग टीबी के लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं या फिर उन्हें बेइज्जती की वजह से भी लोग टीबी जैसे गंभीर रोग को इग्नौर करने से पीछे नहीं हटते हैं।
कैसे फैलती है टीबी की बीमारी?
जैसाकि हम ऊपर बता चुके हैं कि टीबी हवा के माध्यम से फैलती है। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को खांसते, छींकते और हंसते वक्त अपने मुंह पर मास्क लगा लेना चाहिए, क्योंकि इस समय टीबी के बैक्टीरियां तेज़ी से बाहर निकलते हैं। यूं तो टीबी की शुरूआत फेफड़ो से होती है, लेकिन कई बार इसके चपेट में फेफड़े नहीं ब्रेन, यूट्रेस, बोन, किडनी, लिवर और गला आ जाता है, जिससे मरीज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही आपको बता दें कि सिर्फ फेफड़े वाली टीबी ही फैलती है, बाकि टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है।
टीबी के लक्षण क्या है?
बता दें कि बलगम और खांसी के साथ खून आना टीबी लास्ट स्टेज हो सकता है, इसलिए इससे पहले ही लक्षणों को जानकर इलाज करा लेना चाहिए। आमतौर पर जब खांसी दो हफ्ते से ज्यादा होने लगती है, तो बिना किसी संकोच के टीबी का जांच करा लेना चाहिए, क्योंकि यह प्रमुख लक्षण माना जाता है, लेकिन इसके अलावा भी नीचे बताए गए लक्षण दिखने पर भी आपको टीबी हो सकती है –
1. सांस लेने में परेशानी होना।
2. सीने में तेज़ दर्द होना।
3. खांसते वक्त दर्द महसूस होना।
4. भूख कम लगना।
5. कमज़ोरी आना।
6. रात को पसीना आना।
7. बिना किसी कारण के वजन घटना।
8. थूक का रंग बदल जाना।
9. हड्डियों में दर्द होना।
10. शाम या रात के वक्त बुखार होना।
टीबी का पता कैसे लगाते हैं?
उपरोक्त लक्षण महसूस होने पर तुरंत आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए, जिसके बाद डॉक्टर सबसे पहले आपको फेफड़ो का एक्सरा कराने की सलाह देंगे, जिसके बाद डॉक्टर बलगम की जांच भी करवाने की सलाह देंगे। इन दोनों में अगर सब कुछ नॉर्मल आता है, तो अपनी तसल्ली के लिए डॉक्टर टीबी गोल्ड का टेस्ट करवा सकते हैं, जोकि एक ब्लड टेस्ट है। इन तीनों में से एक भी रिपोर्ट पोजेटिव आती है, तो आपके अंदर टीबी के बैक्टीरिया एक्टिव रहते है, जिसके बाद डॉक्टर आपकी दवाईयां चलाते हैं, जोकि 6 महीने से 9 महीने तक की हो सकती है। बता दें कि यह दवाई आपको बिल्कुल भी मिस नहीं करनी है, वरना भविष्य में आपको इससे जूझना पड़ सकता है।
टीबी के मरीजों को क्या करना चाहिए?
टीबी के मरीजों को सबसे पहली अपने दवा और खानपान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। किसी भी कंडीशन में उन्हें अपनी दवा को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए, वरना दोबारा से टीबी होने का खतरा होता है। यूं तो टीबी के मरीजों को बाहर नहीं जाना चाहिए, लेकिन अगर जाना है, तो मास्क लगाकर जाएं। साथ ही ध्यान रहे कि खुले स्थान में न थूके और तेल मसाला आदि तरह के खानपान से बचना चाहिए। प्रोटीन भरपूर मात्रा में लें।
टीबी खत्म करने का घरेलू उपाय
अगर आपको टीबी है, तो सबसे पहले आप डॉक्टर द्वारा दी गई दवाईयां और सलाह का पालन ज़रूर करें। इसके बाद आप नीचे बताए गये घरेलू उपायों का डॉक्टर की सलाह से इस्तेमाल कर सकते हैं –
1. केला – एक केले को नारियल पानी में मसल कर उसमें दही और शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार खाने से रोगी को काफी फायदा होता है।
2. आंवला – कच्चे आंवले के जूस में थोड़ा सा शहद मिलाकर रोज़ाना सुबह सुबह पीने से टीबी के मरीज़ों को काफी ज्यादा आराम मिलता है।
3. संतरा – संतरा के जूस में काला नमक मिलाकर सुबह शाम पीने से टीबी के मरीज काफी जल्दी स्वस्थ होते हैं।
4. लहसुन – आधा चम्मच लहसुन, एक कप दूध और चार कप पानी को मिलाकर तब तक उबाले जब तक यह एक चौथाई न रह जाए, इसके बाद दिन में तीन से चार बार इसे टीबी के मरीज को दें, इससे काफी फायदा होगा।
टीबी से बचाव कैसे करें?
बच्चे के जन्म के बाद उसे BCG का टीका लगवाना न भूले, जिससे इस बीमारी का खतरा 80 फीसदी कम हो जाता है। इसके अलावा जब भी भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाए तो मास्क लगा कर जाएं। खाने में प्रोटीन, कैल्शियम आदि चीज़ो का भरपूर ध्यान रखें। मतलब साफ है कि संतुलित भोजन खाएंगे, तो टीबी की चपेट में नहीं आएंगे।