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‘मुझे छोड़ दो’, दरिंदों के आगे गिड़गिड़ाती रही छात्रा, एक ने कहा-वीडियो बन गया, अब कैसे बचेगी

दुनिया में हर इंसान अपने और अपने धर्म के बारे में सोचता है ना कि इंसानियत के बारे में ध्यान देता है. जीवन में इंसानियत से बढ़कर कुछ भी नहीं होता लेकिन ये बात हर कोई नहीं जान पाता और फिर वे धर्म के नाम पर अंधकार मचाते हैं. हम किसी एक धर्म या समुदाय की बात नहीं कर रहे लेकिन सच ये है कि हर कोई अपने धर्म के प्रचार और प्रसार में लगा रहता है और इसी में इंसानियत को भुला देता है. एक ऐसी वारदात सामने आई जब कुछ मुस्लिस लोगों ने दो हिंदू धर्म की बहनों का अपहरण किया और फिर उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर भी किया. लड़कियों ने रोते हुए कहा ‘मुझे छोड़ दो’, दरिंदों के आगे गिड़गिड़ाती रही छात्रा, इस घटना के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का प्रदर्शन बढ़ गया.

‘मुझे छोड़ दो’, दरिंदों के आगे गिड़गिड़ाती रही छात्रा

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहने वाली दो नाबालिग हिंदू बहनों का अपहरण करने के बाद उनके साथ जबरदस्ती की जिससे वे इस्लाम धर्म अपना सकें. इसके बाद शादी कराने का मामला भी सामने आया और इसे लेकर अल्पसंख्यक समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया और बात ज्यादा गंभीर होती गई. होली की शाम को 13 साल की रवीना और 15 साल की रीना का प्रभावशाली लोगों के एक समूह ने घोटी जिले स्थित उनके घर से अपहरण कर लिया गया. अपहरण के बाद उनका एक वीडियो भी वायरल हो गया था. जिसमें साफ नजर आया कि मौलवी दोनों लड़कियों का निकाह करा रहे हैं इसके बाद एक और वीडियो सामने आया जिसमें लड़कियां इस्लाम अपनाने का दावा करते हुए नजर आईं और उनके साथ कोई जबरदस्ती नहीं करी गई ये उन्होंने उस वीडियो में बताया. पाकिस्तान में हिंदू समुदाय ने घटना के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किया.

लोगों ने इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग भी की. उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को देश के अल्पसंख्यकों से किए गए वादे की भी याद दिलाई. पाकिस्तान हिंदू सेवा वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय धनजा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से इस मामले में गहरी छानबीन करवाने का प्रस्ताव रखा. इसके अलावा पाकिस्तान में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की भी मांग की और इमरान खान इस बात को साबित करें ऐसी भी मांग की है. वैसे तो ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जब महिलाओं या पुरुषों को जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कई अल्पसंख्यक लोगों के बाद बदसलूलकी की जाती है लेकिन इसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत किसी की नहीं होती है.

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