इन वजहों से डूब गया अनिल अंबानी का पूरा साम्राज्य, वर्ना थे दुनिया के 6वें सब से अमीर व्यक्ति
उद्योगपति अनिल अंबानी कारोबार जगत के एक प्रसिद्ध चेहरे हैं और ये साल 2008 में दुनिया के 6 वें सबसे अमीर व्यक्ति थे और उस समय इनकी संपत्ति 42 अरब डॉलर की थी। लेकिन अब यानी साल 2019 में अनिल अंबानी की अधिकतर कंपनियां कर्जे में डूब चुकी हैं। इनकी कंपनियों पर साल 2018 में कुल कर्जा 1.72 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इस कर्ज के कारण ही हाल ही में इनके जेल जाने की नौबत भी आ गई थी। लेकिन ऐन मौके पर इनके बड़े भाई ने इनकी मदद कर इन्हें जेल जाने से बचा लिया। दरअसल अनिल की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की तरफ से स्वीडन की कंपनी एरिक्सन से कर्ज लिया गया था और इस कर्ज को ना चुकाने के लिए कोर्ट ने अनिल अंबानी को 20 मार्च, 2019 तक का समय दिया था। मगर अनिल अंबानी इस कर्ज को चुकाने में नाकाम रहे और कर्ज ना चुकाने पर इन्हें तीन महीने के लिए जेल जाना पड़ सकता था। लेकिन वक्त रहते ही इस मामले को इनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने संभाल लिया। मुकेश अंबानी ने स्वीडन की कंपनी एरिक्सन से जो कर्ज अनिल अंबनी की कंपनी ने लिया था उसका भुगतान कर दिया। बताया जा रहा है कि मुकेश अंबानी ने करीब 550 करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान किया है और अपने भाई अनिल को जेल जाने से बचाया है।
धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद बदल गई किस्मत
धीरूभाई अंबानी की मौत से पहले ये दोनों भाई एक साथ मिलकर ही अपने पिता का व्यापार संभाल रहे थे। लेकिन साल 2002 में धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद इन दोनों भाईयों के बीच तनाव आने लग गया। जिसके चलते इन्होंने अपने पिता धीरूभाई अंबानी का व्यापार बांट लिया था। साल 2005 में व्यापार और संपत्ति का बंटवारा होने के बाद अनिल अंबानी के हिस्से अपने पिता का टेलिकॉम, ऊर्जा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और वित्त व्यापार आया। जबकि इनके बड़े भाई के हिस्से पेट्रोकेमिकल, टेक्सटाइल, रिफाइनरी और तेल से जुड़ा व्यापार आया। इन दोनों भाईयों ने अपने व्यापार को संभालना शुरू कर दिया और 2008 में ये दोनों भाई दुनिया के सबसे अमीर शख्स में गिने जाने लगे। लेकिन अनिल अंबानी का व्यापार धीरे धीरे नुकसान की और जाने लगा और अमीर व्यापारियों की फोर्ब्स की सूची में इनका स्थान भारत में 50 वें नंबर से नीचे और दुनिया में 100 वे नंबर से नीचे हो गया है।
इस तरह से डूब गया अनिल अंबानी का पूरा साम्राज्य
बंटवारा होने के बाद अनिल ने एक साथ कई सारे व्यापारों को शुरू कर दिया और ये इन व्यापारों को सही से नहीं चला पाए। जिसके चलते इनके ऊपर कर्जा चढ़ता गया। इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स एडवाइजर्स सर्विसेज (IIAS) फाउंडर ऐंड मैनेजिंग डायरेक्टर अमित डंटन के अनुसार अनिल एक साथ कई बिजनेस कर रहे थे जिनमें कई सारी खामियां थी। इनकी और से शुरू की गई कई परियोजनाओं में अनुमान से अधिक लागत आ गई और उनसे इन्हें कोई भी रिटर्न हासिल नहीं हुआ। जिसके चलते ये कर्ज में डूबते चले गए।
नए प्रोजेक्ट में नहीं मिली कामयाबी
अनिल अंबानी की कंपनी RPower कोयले और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी हुई कंपनी है और इनकी इस कंपनी ने कई सारे प्रोजेक्ट शुरू किए थे। लेकिन इनमें इन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी। इनकी ये कंपनी इस वक्त 31700 करोड़ रुपए के कर्जे में डूबी हुई है। 10 साल पहले इनकी इस कंपनी पर महज 500 करोड़ का कर्जा था। जो की एकदम से काफी बढ़ गया। इतनी बड़ी कर्जे की राशि से ये साफ है कि इनकी ये कंपनी इतना मुनाफा कमाने में असफल रही की वो अपना सारा कर्जा चुका सके। पिछले वित्तीय वर्ष में इस कंपनी के मुनाफे पर अगर नजर डाली जाए तो कंपनी का मुनाफा 1,034.81 करोड़ रुपए था जिसमें करीब 6.28 फीसदी गिरावट आई थी। यानि इनकी इस कंपनी का मुनाफा धीरे धीरे कम होने लगा है।
टेलिकॉम से जुड़ी कंपनी भी नहीं रही सफल
अनिल अंबानी की RCom कंपनी के शेयर भी बहुत कम कीमत के हो गए हैं और इस कंपनी के शेयर की कीमत इस वक्त बाजार में महज 5-6 रुपए रहे गई है। विशेषज्ञ के अनुसार इस कंपनी ने अपना ध्यान नीतियों को बदलने में ज्यादा दिया था और अपने व्यापार को बढ़ाने में कम। जिसके कारण ही ये कंपनी टेलिकॉम क्षेत्र में ज्यादा कुछ खास नहीं कर सकी। वहीं मुकेश अंबानी के जियो लॉन्च करने के बाद टेलिकॉम से जुड़ी कई सारी कंपनियों की हालात बेकार हो गई और RCom भी जियो के सामने टिक नहीं सकी। अनिल अंबानी की इस कंपनी पर भी कई सारे कर्ज हैं। इन्हीं कर्ज को चुकाने के लिए इस कंपनी ने अपनी पूंजी भी बेची और साल 2017 में रिलायंस जियो के संग एक डील भी की जो कि 23,000 करोड़ रुपए की डील थी।
आजमाएं कई क्षेत्रों में हाथ
59 साल के अनिल अंबानी ने अपने व्यापार को हर क्षेत्र में बढ़ाने की खूब कोशिश की और इन्होंने सीमेंट, डिफेंस, मीडिया, एयरपोर्ट, मनोरंजन शिपयार्ड, रियल एस्टेट, मेट्रो रेल, समेत कई क्षेत्रों में अपना व्यापार शुरू किया। लेकिन उनको किसी भी व्यापार में कामयाबी नहीं मिली और कई कारणों से इनकी कंपनियां नाकाम रही। हालांकि अनिल की रिलायंस कैपिटल (RCap) जो कि एक वित्तीय कंपनी है वो अच्छा कार्य कर ही है। मगर इनपर इतना सारा कर्ज है कि उसको चुकाना इनके लिए मुश्किल हो गया है।
किए हुए हैं कई मुकदमें
अनिल अंबानी की कंपनी विवादों से भी अधिक घिरी रहती हैं और इनकी कंपनी की और से इस वक्त कुल 23 मानहानि के मुकदमें किए गए हैं। ये सभी मुकदमें अनिल अंबानी ने राजनेताओं और उनके खिलाफ लिखने वाले मीडिया हाउस पर किए हुए हैं। कहा जाता है कि इन 23 मुकदमों में से तो लगभग 15 मुकदमें ऐसे हैं जिनमें 80,500 करोड़ रुपए के मुआवजे का दावा ठोका गया है। इतना ही नहीं एक बार तो अनिल अंबानी ने अपने बड़े भाई पर भी मुकदमा कर दिया था और ये मुकदमा इन्होंने 10,000 करोड़ रुपए का किया था। लेकिन साल 2008 में किए इस मुकदमें को अनिल अंबानी ने दो साल बाद वापस ले लिया थी।
इन दोनों भाई के बीच बंटवारे के बाद से काफी तनाव पैदा हो गया था लेकिन इस तनाव को दूर रखते हुए मुकेश अंबानी ने अपने भाई की मदद उनके बुरे दौर में की है। हालांकि कई विशेषज्ञ के अनुसार मुकेश अंबानी ने अपने भाई की मदद एक व्यापारी के तौर पर की है।