शहादत के बाद भी चलता रहे शहीद का वंश जवान अपना रहे ये तरीका, जानकर आपको भी नहीं होगा यकीन
ये नया भारत है और यहां पर सबकुछ मुमकिन हो रहा है और जो नहीं हो रहा उसे लोग कर रहे हैं. जिससे भारत का नाम हर तरह से किसी देश से पीछे नहीं रहे और ऐसा अब होने लगा है. फिर बात किसी भी क्षेत्र की हो लेकिन हम भारतीय किसी से भी कम नहीं है. आपने बॉलीवुड फिल्म विक्की डॉनर तो जरूर देखी होगी, कमाल की फिल्म थी लेकिन फिल्म की कहानी भी कमाली की थी जब एक लडका (आयुष्मा खुराना) अपने स्पर्म बेचकर लोगों की मदद भी करता है और पैसे भी कमाता है. कुछ ऐसा ही हमारे देश के जवान भी करने जा रहे हैं लेकिन वे इससे रुपये नहीं कमाना चाहते बल्कि अपने वंश को बढ़ाना चाहते हैं और भविष्य के लिए भारत माता के रखवाले छोड़कर जाना चाहते हैं. शहादत के बाद भी चलता रहे शहीद का वंश जवान अपना रहे ये तरीका, ये अजीब तो है लेकिन बिल्कुल सही रास्ता है.
शहादत के बाद भी चलता रहे शहीद का वंश जवान अपना रहे ये तरीका
बॉलीवुड फिल्म विक्की डॉनर से प्रेरणा लेते हुए भारतीय सेना के जवान जब स्पर्म फ्रीजिंग तकनीक के जरिए अपने वंश को सुनिश्चित करने पहुंचे तो अलग ही माहौल बन गया. भारतीय सेना के जवान अपनी शहादत से पहले अपनी संतान को पैदा करना चाहें तो अब ये आसान हो गया है, वे ऐसा इसलिए भी करना चाहते हैं कि बच्चे बड़े होकर देश की सेवा कर सकें. देश भर के स्पर्म फ्रीजिंग तकनीक से लैस परखनली बेबी को जन्म दिलाने वाले सेंटर्स पर इन दिनों सेना और पैरामिलिट्री के जवानों की लाइन लगी है और वे अपना स्पर्म सुरक्षित करा रहे हैं. खासकर वे जिनकी नयी शादी हुई है और अभी तक संतान का सुख नहीं प्राप्त हुआ है या फिर वे लोग भी जिनकी ड्यूटी अशांत क्षेत्रों पर तैनात होती है और घर जल्दी नहीं आ पाते. हालांकि ऐसे अधिकांश जवान सुरक्षित वापस आ जाते है लेकिन अनहोनी तो किसी के साथ भी हो सकती है. अभी स्पर्म फ्रीजिंग का बुहत तेजी से चलन नहीं हुआ है लेकिन पुलवामा हमले के बाद बड़ी संख्या में जवान यहां पर अपने स्पर्म फ्रीज करवा रहे हैं जिससे उनके बाद भी उनकी संतान आ सके.
स्पर्म फ्रीजिंग तकनीक का सहारा ले रहे जवान अपने स्तर पर काम कर रहे हैं लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि धीरे-धीरे यह चलन बहुत बढ़ जाएगा. एक समय ऐसा आएगा जब हर दूसरा जवान अपने स्पर्म देश के किसी ना किसी फर्टिलिटी सेंटर में सुरक्षित मिल जाएगा. देश की राजधानी दिल्ली सहित कई बड़े शहरों में फर्टिलिटी सेंटर्स में भीड़ हो रही है और ये सेवा उपलब्ध भी है अभी ये सस्ती है तो जवानों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और फिलहाल फर्टिलिटी सेंटर पांच साल के लिए स्पर्म फ्रीजिंग का शुल्क तीन हजार रुपये से पांच हजार रुपये है.
इस तरह सुरक्षित रहता है स्पर्म
इस तकनीक का सहारा दूसरे सेवाओं खासकर ज्यादातर यात्रा करने वाले कर्मचारी और अधिकारी ले रहे हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी है जिन्हें कोई बीमारी हो जाती है और वे तकनीक के माध्यम से संतान का सुख प्राप्त कर लेते हैं. इस तकनीक में फ्रीज स्पर्म को व्यक्ति की पत्नी के गर्भ में निषेचित कराकर संतान उत्पन्न कराई जाती है. जेनेटिक रूप से संतान उस व्यक्ति की ही होती है जिसका स्पर्म काम डाला गया है. स्पर्म को एक कंटेनर से भरे हुए तरल नाइट्रोजन में करीब 200 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुरक्षित रखा जाता है और इतने तापमान पर स्पर्म बर्फ में बदल जाता है और कई सालों तक निषेचन प्रक्रिया के लायक बना रहता है.