क्यों भाग दौड़ की जिंदगी में हम अपने ही परिवार से दूर हो जाते हैं? जबकि वही हमारी असली पूंजी है
एक आदमी बहुत ही मेहनती थी और बड़े लगन के साथ ऑफिस में काम करता था। उसकी पत्नी की मौत हो चुकी थी औऱ घर पर उसका बेटा रहता था। एक बार वो काम करंके घर लौटा तो देखा की उसका बेटा सोने की बजाय उसका इंतजार कर रहा था। वो जैसे ही अंदर घुसा उसके 5 साल के बेटे ने अपने पापा से बड़ी मासूमियत से कहा- पापा, आपसे एक सवाल पूछ सकता हूं?
बेटे ने पूछी पिता की सैलरी
पिता ने कहा- हां बेटा पूछ लो, बेटे ने कह- पापा एक घंटे में आप कितना कमा लेते हो? व्यक्ति ऑफिस से थका हारा आया था उसे बेटे के इस सवाल पर गुस्सा आ गया और चिल्लाकर बोला- तुम्हें इससे क्या मतलब है कि एक घंटे की मेरी कमाई कितनी है। जो भी है तुम्हें दे तो देता हूं ना, ऐसे बेकार के सवाल मुझसे मत किया करो। बेटे ने कहा- मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था पापा, प्लीज बता दो ना।
पिता को फिर झुंझलाट हुई और गुस्से से उसकी ओर देखते हुए कहा 100 रुपए एक घंटे में कमा लेता हूं। इसके बाद बेटे ने कहा- पापा क्या आप मुझे 50 रुपए दे सकते हैं। पिता को फिर गुस्सा आ गया और उसने कहा- तुम्हें क्यों जरुरत है इतने पैसे की? घर में इतना सारा सामान पड़ा है और जो कहते हो वो तो लेते ही आता हूं फिर क्यों चाहिए तुम्हें इतने पैसे।
पिता की डांट सुनकर बच्चे की आंखे भर आई और वो अपने कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद जब पिता का गुस्सा शांत हुआ तो उसे गलती का एहसास हुआ। उसने सोचा- कितनी छोटी से बात के लिए मैंने अपने बेटे को डांट दिया हो सकता है उसे 50 रुपए से किसी खास चीज की जरुरत होगी। मैं इतना पैसा कमाता किसके लिए हूं।
बेटे की बात सुनकर भावुक हो गया पिता
ये सारी बातें सोचकर वो अपने बेटे के कमरे मे गया तो देखा की उसका बेटा अभी भी जग रहा है। उस व्यक्ति ने बेटे के हाथ में 50 की नोट देते हुए कहा- सॉरी बेटा , मैं परेशान था इसलिए तुम पर चिल्ला दिया। ये लो 50 रुपए तुम्हें जिस भी चीज की जरुरत होगी वो तुम ले लेना।
50 रुपए की नोट देखकर बच्चा एकदम खुश हो गया। वो तुरंत उठा और अपनी अलमारी से गुल्लक निकाला और उसमें से कुछ पैसे निकाले। पिता ने पूछा बेटा जब तुम्हारे पास खुद इतने पैसे हैं तो तुम मुझसे क्यों पैसा मांग रहे थे। इस पर बेटे ने कहा मेरे पास तो सिर्फ 50 रुपए हुए हैं बाकी 50 रुपए आपसे लिए. आप कल प्लीज ऑफिस से थोड़ा जल्दी आ जाना। मुझे आपके साथ खाना खाना है। मैं हर दिन अकेले खाना खाता हूं, प्लीज ना पापा।
पिता की आंख मे आंसू आ गए। सिर्फ भोजन के लिए मेरे बेटे ने मुझसे मेरे ऑफिस का समय मांगा है। मैं अपने काम में इतना खो गया कि अपने बेटे के लिए वक्त ही निकाला। क्या फायदा इतने काम काम का अगर मैं अपने बेटे के साथ वक्त भी ना बिता पाऊं। अगले दिन उसने छुट्टि ही ले ली और पूरा समय अपने बेटे के साथ बिताया। उसके बेटे से ज्यादा खुश इस दुनिया में कोई नही होगा।
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