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घर के लिए अभिशाप साबित हो सकती हैं ये 4 मूर्तियां, आपके घर में भी है तो तुरंत हटा दें

सभी हिंदू घरों में देवी-देवताओं के लिए एक अलग स्थान होता है, जिसे पूजा घर के नाम से जाना जाता है. कुछ घर में छोटे-छोटे मंदिर बनवाए जाते हैं लेकिन सही जानकारी न होने पर हम कुछ ऐसी ग़लतियां कर बैठते हैं जो कि अशुभ मानी जाती हैं. वास्तु शास्त्र की मानें तो घर का मेन गेट, कमरे, किचन, सीढ़ियां और घर का मंदिर भी वास्तु दोष से मुक्त होना चाहिए. घर का सभी स्थान महत्वपूर्ण होता है. मंदिर वाला स्थान घर का सबसे शुभ स्थान होता है. इसलिए हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि मंदिर बनाते वक़्त कोई वास्तु दोष ना हो.

वास्तु शास्त्र और मंदिर के नियम

  • घर में मंदिर स्थापित करने के भी कुछ नियम होते हैं. अगर यूंही कहीं मंदिर बना दिया जाए तो इसका फल प्राप्त नहीं होता. घर के मंदिर का स्थान बहुत महत्व रखता है. सिर्फ स्थान नहीं बल्कि दिशा और मंदिर में किन-किन चीज़ों को रखा जाए यह भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. सिर्फ सही स्थान पर मंदिर की स्थापना कर देने से आपका काम खत्म नहीं हो जाता. इसके कुछ नियम भी होते हैं जो व्यक्ति को ध्यान रखने चाहिए.
  • घर का मंदिर हमेशा साफ़-सुथरा होना चाहिए. मंदिर पर कोई धूल-मिट्टी या गंदगी नहीं फैलनी चाहिए. मंदिर में कभी भी अंधेरा नहीं होना चाहिए. इसे हमेशा रौशन रखना चाहिए. मंदिर में अंधेरा होना शुभ नहीं होता. इतना ही नहीं, मंदिर में कोई खंडित मूर्ति भी नहीं होनी चाहिए. लेकिन मूर्तियों को लेकर कुछ ख़ास बातें भी हैं जो हम सबको पता होनी चाहिए. आगे पढ़िए कि कौन-कौन सी मूर्ती पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए.

 भैरव देव

भैरव देव भगवान शिव का ही एक अवतार माने जाते हैं. लेकिन इनकी मूर्ती कभी भी पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि भैरव देव तंत्र विधा के देवता माने जाते हैं और इनकी पूजा घर के अंदर नहीं बल्कि बाहर होनी चाहिए.

नटराज

आपने कई बार देखा होगा कि लोग नटराज की मूर्ती अपने मंदिर में रखते हैं. यह मूर्ती देखने में बेहद सुंदर होती हैं पर इन्हें भूल कर भी पूजा घर में नहीं रखना चाहिए. नटराज भगवान शिव का रूद्र रूप माने  जाते हैं यानी कि भगवान शिव की क्रोधित अवस्थाएं. इसलिए नटराज की मूर्ती पूजा घर में रखने से बचना चाहिए. इससे घर में अशांति फैलती है.

शनिदेव

सूर्य पुत्र शनि देव की मूर्ती को भी पूजा घर में रखने से बचना चाहिए. इनकी पूजा हमेशा बाहर के मंदिरों में ही करनी चाहिए. घर में शनि देव की मूर्ती स्थापित न करें.

राहु-केतु

राहु-केतु की मूर्ती भी घर में रखना अशुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि, राहु और केतु को पापी ग्रह माना गया है. इनकी पूजा-अर्चना करने से घर में शांति आती है और कष्ट कम हो जाते हैं लेकिन पूजा घर के बाहर ही करें, अंदर नहीं.

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