जाने नव ग्रहों के लिए क्यों खास है नया साल ?
नई दिल्ली: 2016 जाने वाला है और 2017 आने को है इस नववर्ष में नव ग्रह अपना स्थान यानी राशि को बदलकर दूसरी राशि में जाएंगे. आम तौर पर सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, शुक्र ग्रह ही अपनी राशि परिवर्तित करते हैं और शनि, बृहस्पति, राहु और केतु हर वर्ष अपना स्थान परिवर्तन नहीं करते मगर नए साल में कुछ अलग ही होने जा रहा है. ज्योतिषियों के अनुसार वर्ष 2017 में सारे नौ ग्रह अपना स्थान परिवर्तित करेंगे. ज्योतिषियों का कहना है कि वर्ष 2017 रविवार के दिन से शुरू हो रहा है. रविवार के गुरु सूर्यदेव हैं. इसलिए नया साल सूर्यदेव के प्रभाव में रहेगा. वर्ष की शुरुआत रविवार के दिन होने को ज्योतिषि काफी शुभकारी मानकर चल रहे हैं.
नवग्रह अपनी राशि एक ही वर्ष में बदलेंगे :
ज्योतिषियों का कहना है कि शनि अपनी राशि ढाई वर्ष में, बृहस्पति 13 महीने में तथा राहु और केतु 18 महीने में अपनी राशि परिवर्तित करते हैं. सन् 2000 में नई सदी शुरू होने के बाद अलग-अलग वर्षों में शनि, बृहस्पति, राहु और केतु अपनी राशि परिवर्तन कर चुके हैं. चालू शताब्दी में यह पहली बार होगा, जब नवग्रह अपनी राशि एक ही वर्ष में बदलेंगे. ज्योतिषियों के अनुसार बृहस्पति 12 सितंबर को कन्या राशि का परित्याग कर तुला राशि में प्रवेश करेंगे. शनि देव 26 जनवरी को वृश्चिक राशि का त्याग कर धनु-राशि में जाएंगे. वहीं राहु -केतु 18 अगस्त सिंह राशि का त्याग कर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. केतु भी 17 अगस्त को कुंभ राशि का त्याग कर मकर राशि में जाएंगे.
ज्योतिषियों के अनुसार रविवार के स्वामी सूर्यदेव हैं. इस तरह 2017 में सूर्यदेव का प्रभाव रहेगा. रविवार के दिन नववर्ष का आगाज होने से 2017 के अधिपति ग्रह सूर्यदेव रहेंगे. नए साल में नव ग्रह 2017 में राशि को छोड़कर दूसरी राशि में जाएंगे. ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध और शुक्र हर वर्ष अपनी राशि बदलते हैं मगर शनि, बृहस्पति, राहु और केतु हर वर्ष अपनी राशि परिवर्तित नहीं करते.