अध्यात्म
इस पवित्र नदी में स्नान करने से होता है कालसर्प दोष का नाश, जानें कैसे!
विवाह सम्बन्धी बाधाओं से मुक्ति:
इसके बारे में एक बात और कही जाती है कि जो भी व्यक्ति इस नदी में स्नान करता है उसके दाम्पत्य जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ आती हैं और अगर किसी के विवाह में कोई अड़चन आ रही है तो वह भी दूर हो जाती है। इस नदी में स्नान करने के बाद गिले कपड़ों के साथ ही शिव-पार्वती का दर्शन करके पार्वती जी का लगा हुआ सिंदूर अपने माथे पर लगाने से विवाह सम्बन्धी सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए पवित्र जल:
इस नदी का जल पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी पवित्र माना जाता है। इस नदी में खुद से ही अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जा सकती है। नदी में स्नान करने के बाद नदी के जल को लेकर ही पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जा सकती है।