होली 2019: इस शुभ मुहुर्त में ही करें होलिका दहन, साथ ही इन पौराणिक नियमों का रखें ध्यान
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: देशभर में इस समय होली के त्यौहार की धूम हैं। इस साल होली का त्यौहार 21 मार्च के दिन मनाया जा रहा है। होली के एक दिन पहले होता है होलिका दहन होता है। इस दिन को लेकर लोगों के घरों में कई तरह के पूजा-पाठ होते हैं, लोग अपने शरीर में उबटन लगाते है और शरीर से छूटे हुए उबटन को होलिका में जाकर डालते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर आप अपने घर से दरिद्रता से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आपको ये कार्य करने होते हैं। बता दें कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आने के साथ गरीबी भी दूर जाती है। होलिका दहन में लोग जौ, गेहूं के पौधे और गन्ने को ले जाकर आग में डालते हैं, और उसकी अग्नि लाकर के घर में लाते हैं ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है।
बात करें हिंदु सभ्यता की तो हमारे यहां हर कार्य शुभ मुहुर्त में होता है। अब बात करें होलिका दहन की तो ये भी एक शुभ मुहुर्त में ही किया जाता है। इस साल होलिका दहन रात 9 बजे से रात 12 बजे के बीच में कर सकते हैं। बता दें कि भद्रा काल के दौरान होलिका दहन नहीं किया जाता है। इस साल भद्रा काल का समय 20 मार्च सुबह 10 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजे तक रहेगा और यही वजह है कि होलिका दहन के लिए पंडितों ने रात 9 बजे के बाद का समय निकाला है।
होलिका दहन का शुभ मुहुर्त
होलिका दहन मुहूर्त : 20:58:38 से 24:23:45 तक
अवधि : 3 घंटे 25 मिनट
भद्रा पूंछ : 17:34:15 से 18:35:34 तक
भद्रा मुख : 18:35:34 से 20:17:45 तक
रंग वाली होली 21 मार्च 2019 को मनाई जाएगी।
होलिका दहन के 4 पौराणिक नियम
बता दें कि होलिका दहन के कुछ पौराणिक कायदे और नियम होते हैं, जिनका पालन करते हुए ही होलिका दहन किया जाता है।
1. फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक के समय को होलाष्टक माना जाता है, यह वह समय होता है जब कोई भी शुभ काम करने की मनाही नहीं होती है।
2. बता दें कि होलिका दहन शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए।
3. होलिका दहन में गन्ने के साथ गेहूं की बालियां आग में डाली जाती हैं, इसे शुभ माना जाता है।
4. होलिका दहम के दिन गोमती चक्र को अपने सिर के ऊपर से 7 बार निकालकर होलिका दहन में डाल दें और होली की भस्म को चांदी की डिबिया में रखकर घर की तिजोरी में रख दें।