होली से पहले होलाष्टक के दिनों में भूलकर भी ना करें ये काम वरना…….
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन का महीना शुरू होते है तैयारियां शुरू हो जाती हैं होली की। होली रंगों का त्यौहार है जिसे बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। घरों में पापड़, गुझिया कई तरह के पकवान बनते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि होली मनाने के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। और उस होलिका दहन के पीछे की क्या कहानी है।
क्यों मनाया जाता है होलाष्टक
बता दें कि राक्षस हिरणाकश्यप का बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त हुआ करता था। लोकिन उसके पिता को ये बात जरा भी नहीं पसंद थी जिसके चलते हिरणाकश्यप ने प्रहलाद को विष्णु भक्ति से रोकने के लिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बंदी बना लिया। उसे जान से मारने की धमकी दी कई यातनाएं दी लेकिन प्रहलाद भयभीत नहीं हुए और हर बार भगवान विष्णु की कृपा से बच गए। इन सबमें सात दिन बीत गए फिर आठवें दिन हिरणाकश्यप की बहन होलिका ने अपने भाई की परेशानी जानकर उसका उपाय करने की योजना बनाई, बता दें कि होलिका को भगवान ब्रह्मा जी ने अग्नि से न जलने का वरदान दिया था, जिसके चलते होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में प्रवेश कर गई, लेकिन हुआ इसका उल्टा। भगवान विष्णु की कृपा से होलिका उस अग्नि में जल गई लेकिन प्रहलाद को एक खरोच तक नहीं आई। और तभी से भक्ति पर आए इस संकट के कारण इन आठ दिनों को होलाष्टक के रूप में मनाया जाता है।
इस बार यह होलाष्टक 14 मार्च से शुरू हो रहा है। इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि इन 7 दिनों में सभी नवग्रहों का स्वभाव काफी गुस्सा भरा होता है, ज्योतिष के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए ग्रहों का शुभ होना बहुत जरूरी है, इसलिए होलाष्टक में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। तो आज हम आपको बताते हैं कि होली के पहले इन दिनों में ये 5 कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए।
भूल कर भी होलाष्टक के दिनों में ना करें ये काम
1. होलाष्टक के इन दिनों में नए घर का निर्माण और विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। ज्योतिष के अनुसार इन दिनों में घर का निर्माण कराने से घर में हमेशा गृह क्लेश होता है और इन दिनों हुए विवाहों के टूटने के आसार हो जाते हैं।
2. इसी के साथ होलाष्टक के दिनों में किसी नए व्यापार की शुरूआत भी नहीं करनी चाहिए, यदि आप इन दिनों में नए व्यापार की शुरूआत करते हैं तो आपको व्यापार में बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है और व्यापार में हानि भी आ सकती है।
3. इसी के साथ होलाष्टक के दिनों में नए वस्त्र और आभूषण खरीदने से भी बचना चाहिए।
4. होलाष्टक के दिनों में कोई भी नया सामान या वाहन भी नहीं खरीदना चाहिए।
5. वहीं शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक शुरू होने के साथ ही 16 संस्कार जैसे नामकरण संस्कार, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश, विवाह संस्कार जैसे कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।